प्याज और लहसुन: आध्यात्मिक दृष्टिकोण और स्वास्थ्य लाभ

प्याज और लहसुन का सेवन: एक विवादास्पद विषय
कई आध्यात्मिक गुरु प्याज और लहसुन को उत्तेजक भोजन मानते हैं और इसके सेवन से मना करते हैं। लेकिन क्या वास्तव में इनसे परहेज करना आवश्यक है, जबकि चिकित्सक प्याज के अनेक लाभ बताते हैं? इस विषय पर शास्त्रों और आयुर्वेद में क्या कहा गया है, आइए जानते हैं।
आध्यात्मिक गुरु और उनके विचार
कई आध्यात्मिक गुरु प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन मानते हैं, जो ध्यान और साधना में बाधा डाल सकते हैं। भगवद गीता के अनुसार, ये भोजन राजसिक और तामसिक श्रेणी में आते हैं, जो आध्यात्मिक पतन का कारण बन सकते हैं। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि मोक्ष की ओर बढ़ने वाले व्यक्तियों के लिए इनसे परहेज करना फायदेमंद है। हालांकि, सामान्य जीवन जीने वाले लोगों के लिए इनका सेवन अनिवार्य नहीं है।
प्याज और लहसुन के सेवन के पीछे के तर्क
कुछ आध्यात्मिक गुरु प्याज और लहसुन को एक निम्न श्रेणी का भोजन मानते हैं। इस्कॉन मंदिर के गुरु अमोघ लीला प्रभु के अनुसार, प्याज और लहसुन का सेवन कुत्ते के मांस खाने के समान है। गुरु धीरेन्द्र शास्त्री का मानना है कि इनकी उत्पत्ति राक्षस के मल से हुई है। लेकिन क्या ये तर्क सही हैं? आइए जानते हैं शास्त्रों और आयुर्वेद में इनके सेवन के बारे में।
प्याज और लहसुन का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए?
जैन धर्म के अनुयायी और सात्विक जीवन जीने वाले लोग प्याज और लहसुन को अपने आहार से दूर रखते हैं। यह केवल परंपरा या अंधविश्वास नहीं है, बल्कि इसके पीछे आध्यात्मिक, आयुर्वेदिक और शास्त्रीय कारण भी हैं। भगवद गीता के अनुसार, भोजन तीन प्रकार का होता है: सात्विक, राजसिक और तामसिक। प्याज और लहसुन को राजसिक और तामसिक माना गया है, इसलिए ये ध्यान और साधना करने वालों के लिए वर्जित हैं।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद के अनुसार, लहसुन उष्ण, तीक्ष्ण और तेज़ गंध वाला होता है, जो रक्त को गर्म करता है और उत्तेजना बढ़ाता है। वहीं, प्याज भारी और कफवर्धक होता है। ये दोनों आंतरिक अग्नि को बढ़ाते हैं, लेकिन मनोबल को घटाते हैं। लहसुन और प्याज में सल्फर यौगिक होते हैं, जो अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर शरीर में बदबू और गैस पैदा कर सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज का दृष्टिकोण
प्रेमानंद महाराज ने प्याज और लहसुन के सेवन के बारे में कहा है कि यदि आप मोक्ष की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो इनसे परहेज करना फायदेमंद है। लेकिन यदि आप सामान्य जीवन जी रहे हैं, तो यह वर्जना आपके लिए आवश्यक नहीं है। यदि आपके स्वास्थ्य के लिए या स्वाद के लिए ये आवश्यक हैं, तो आप इन्हें खा सकते हैं।