पौष अमावस्या 2025: जानें किन 5 गलतियों से बचें, वरना नाराज होंगे पितृ

पौष अमावस्या 2025 का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। जानें किन 5 गलतियों से बचना चाहिए, ताकि पितृ नाराज न हों। इसके साथ ही, इस दिन किए जाने वाले शुभ कार्यों और तर्पण के महत्व के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
 | 

पौष अमावस्या 2025 की तिथि

हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है, और साल की अंतिम अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन को पितरों की शांति, तर्पण और दान-पुण्य के लिए सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन की गई छोटी सी गलती भी पितरों को नाराज कर सकती है, जिससे परिवार में अशांति और पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि अमावस्या के दिन किन 5 बड़ी गलतियों से बचना चाहिए।


अमावस्या पर न करें गलतियां!

[object Object]


[object Object]


[object Object]


[object Object]


[object Object]


शुभ फल के लिए क्या करें?

तर्पण और दान: सुबह स्नान के बाद पितरों के नाम पर तिल और जल से तर्पण करें।


पीपल की पूजा: शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना बेहद शुभ होगा।


गीता पाठ: पितरों की आत्मा की शांति के लिए भगवद गीता का पाठ करें।


पौष अमावस्या का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पौष अमावस्या का विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। यह तिथि मुख्य रूप से पितृ देवताओं को समर्पित होती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए तर्पण, दान और पुण्य कर्म सीधे पितरों तक पहुंचते हैं और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि पर पितृलोक और पृथ्वी लोक के बीच संबंध प्रबल होता है। पौष अमावस्या पर जल, तिल और कुश से पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और वंश में सुख-समृद्धि बनी रहती है।