पैरों में जलन: बर्निंग फीट सिंड्रोम के लक्षण और उपचार

बर्निंग फीट सिंड्रोम: एक परिचय
बर्निंग फीट सिंड्रोम: जैसे ही गर्मियों का मौसम आता है, शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलते हैं। तेज धूप और उमस भरे मौसम का प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ने लगता है।
डिहाइड्रेशन, लू और हीट रैश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं, लेकिन कई लोग अपने पैरों के तलवों में जलन की शिकायत भी करते हैं। यदि यह जलन थोड़े समय के लिए हो, तो इसे गर्मी या थकान का नतीजा माना जा सकता है।
हालांकि, यदि यह समस्या नियमित रूप से होती है, विशेषकर रात में और आपकी नींद में बाधा डालती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
बर्निंग फीट सिंड्रोम क्या है?
जब पैरों के तलवों में लगातार जलन, चुभन या सुन्नता बनी रहती है, और यह समस्या अक्सर रात में बढ़ जाती है, तो इसे बर्निंग फीट सिंड्रोम कहा जाता है।
यह केवल साधारण थकान नहीं है, बल्कि यह संकेत हो सकता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ चल रही है। यह समस्या आमतौर पर बुजुर्गों में देखी जाती है, लेकिन अब युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
मुख्य लक्षण
बर्निंग फीट सिंड्रोम के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं। शुरुआत में हल्की जलन होती है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है:
- तलवों में जलन और सुई जैसी चुभन
- पैरों में भारीपन या झुनझुनी
- रात में जलन और दर्द का बढ़ना
- तलवों का लाल होना और गर्माहट महसूस होना
संभावित कारण
डायबिटिक न्यूरोपैथी: यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो यह समस्या आपके लिए गंभीर हो सकती है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज नसों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पैरों में जलन और दर्द होता है।
पोषक तत्वों की कमी: विटामिन B12, B6 और फोलेट की कमी भी इस समस्या का एक बड़ा कारण हो सकती है। जब शरीर इन पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, तो नसों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
फंगल संक्रमण: एथलीट फुट (Tinea Pedis) एक सामान्य फंगल संक्रमण है, जो तलवों में जलन और खुजली का कारण बनता है।
हार्मोनल बदलाव: मेनोपॉज़ और गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव से शरीर का तापमान प्रभावित होता है, जिससे पैरों में गर्मी का अनुभव होता है।
राहत के उपाय
बर्निंग फीट सिंड्रोम का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय राहत प्रदान कर सकते हैं:
यदि विटामिन की कमी है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सप्लीमेंट्स लेना शुरू करें।
रोज़ाना सोने से पहले पैरों को ठंडे पानी में 15 मिनट तक डुबोकर रखें। इससे नसों को आराम मिलेगा।
यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।