पेट की समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य: जानें कैसे जुड़े हैं दोनों

क्या आप जानते हैं कि पेट की समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती हैं? कब्ज जैसी समस्याएं न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बिगाड़ सकती हैं। इस लेख में, हम गट-ब्रेन कनेक्शन के बारे में जानेंगे और यह समझेंगे कि कैसे मानसिक स्वास्थ्य और पेट की समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। जानें विशेषज्ञों की राय और अपने गट-ब्रेन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय।
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पेट की समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य: जानें कैसे जुड़े हैं दोनों

पेट की खराबी और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध

पेट की समस्याएं केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। कब्ज जैसी समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, और इसके विपरीत, खराब मानसिक स्थिति भी पेट की समस्याओं को जन्म दे सकती है। इसे चिकित्सा में गट और ब्रेन कनेक्शन कहा जाता है। लंबे समय तक कब्ज रहने से याददाश्त पर असर पड़ सकता है, जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, कब्ज की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।


गट-ब्रेन कनेक्शन क्या है?

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजित जैन के अनुसार, गट और ब्रेन के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध होता है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है। यह प्रक्रिया आंतों और मस्तिष्क के बीच संचार को नियंत्रित करती है। ब्रेन में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर और हार्मोन इस एक्सिस के माध्यम से काम करते हैं। यदि आंतों में गुड बैक्टीरिया पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो यह गट-ब्रेन एक्सिस को प्रभावित करता है, जिससे मूड और भावनाओं में असंतुलन आ सकता है।


ब्रेन का गट पर प्रभाव

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं, जैसे एंजाइटी या डिप्रेशन, पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इससे गट में सूजन हो सकती है, जिससे खाना ठीक से नहीं पचता। इस प्रकार, पेट की समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।


गट-ब्रेन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय

स्वस्थ आहार का सेवन गट की स्थिति में सुधार कर सकता है।


रोजाना कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करें।


मानसिक तनाव से बचें।


पर्याप्त नींद लें।