पूर्व विधायक पवन पांडेय की गिरफ्तारी: करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला

अंबेडकरनगर में पूर्व विधायक पवन पांडेय को करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तीन साल पुराना है, जिसमें एक युवक की संदिग्ध मौत के बाद उसकी संपत्ति का फर्जी तरीके से नामांतरण किया गया। पवन पांडेय पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उनकी गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उनके खिलाफ 95 मामलों का ब्यौरा भी जारी किया है। जानें इस विवादास्पद नेता के बारे में और क्या है पूरा मामला।
 | 
पूर्व विधायक पवन पांडेय की गिरफ्तारी: करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला

पवन पांडेय की गिरफ्तारी


अंबेडकरनगर में करोड़ों की भूमि हड़पने के आरोप में एसटीएफ ने पूर्व विधायक पवन पांडेय को उनके अकबरपुर स्थित निवास से गिरफ्तार किया। पहले इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी, लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश पर इसे एसटीएफ को सौंपा गया।


यह मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र से संबंधित है और लगभग तीन साल पुराना है। अक्टूबर 2020 में नासिरपुर बरवां के निवासी अजय सिंह की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। दिलचस्प बात यह है कि अजय की शादी नीतू नाम की लड़की से उसी दिन हुई थी।


अजय की मां चंपा देवी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे की करोड़ों की संपत्ति का धोखाधड़ी से एग्रीमेंट किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अजय की मौत के बाद एक महिला को फर्जी तरीके से उसकी पत्नी बताया गया।


चंपा देवी ने यह भी कहा कि अजय से बाराबंकी के आर्य समाज मंदिर में फर्जी शादी का प्रमाण पत्र तैयार कराया गया। इसके बाद अजय की संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद उसकी संपत्ति का नामांतरण किया गया। पुलिस ने इस मामले में छह से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें पवन पांडेय को भी आरोपी बनाया गया।


हालांकि, पवन पांडेय गिरफ्तारी से बचते रहे। हाल ही में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की। शुक्रवार को एसटीएफ ने पवन के घर पर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली ले जाया गया, जहां उनका चिकित्सीय परीक्षण भी कराया गया। एसपी अजीत सिन्हा ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।


पवन पांडेय एक चर्चित नेता हैं, जिन्होंने 1991 में शिवसेना के टिकट पर अकबरपुर से विधायक का चुनाव जीता था। उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने सुल्तानपुर से बसपा और निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव भी लड़ा है।


हाल के दिनों में पवन पांडेय सक्रिय नहीं रहे, लेकिन सुल्तानपुर में चिकित्सक डा. घनश्याम तिवारी की हत्या के बाद उनके तीखे बयान चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे खुद न्याय लेना जानते हैं।


एसटीएफ ने पवन पांडेय के खिलाफ कुल 95 मामलों का ब्यौरा भी जारी किया है, जिसमें हत्या, जानलेवा हमले, गैंगस्टर एक्ट और अपहरण जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।