पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने उनके लंबे सार्वजनिक जीवन और देश के प्रति योगदान को याद किया। सिंह का कार्यकाल आर्थिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस लेख में उनके जीवन, योगदान और उनके विचारों पर चर्चा की गई है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि

मनमोहन सिंह का योगदान और जयंती

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को हुआ। उन्होंने 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विभिन्न योगदानों को याद किया। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, 'पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। हम उनके लंबे सार्वजनिक जीवन में देश के प्रति उनके योगदान को याद करते हैं।'


सिंह ने 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का नेतृत्व किया। इसके अलावा, 1991 से 1996 के बीच पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में वित्त मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दौरान भारत ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।



कांग्रेस ने भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मनमोहन सिंह का योगदान देश के विकास में महत्वपूर्ण रहा है और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए ईमानदारी और बुद्धिमत्ता के प्रतीक बने रहेंगे।


सिंह का जन्म पंजाब के गाह गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उनका निधन 26 दिसंबर, 2024 को हुआ। खरगे ने कहा कि मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधारों ने नए अवसरों का निर्माण किया और कई परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला।


उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का दृष्टिकोण निष्पक्षता और समावेशिता में गहराई से विश्वास करता था, जिससे विकास और करुणा का संतुलन बना रहा।


खरगे ने यह भी कहा कि उनके नेतृत्व ने दिखाया कि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी संभव है और यह शक्तिशाली भी है। मनमोहन सिंह की विरासत एक मजबूत और समावेशी भारत की आकांक्षाओं को जीवित रखेगी।