पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, राजनीतिक करियर की झलक

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन 79 वर्ष की आयु में हुआ। उनका राजनीतिक करियर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहा, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का कार्यकाल शामिल है। इस लेख में उनके जीवन, राजनीतिक यात्रा और योगदान पर चर्चा की गई है। जानें उनके बारे में और उनके निधन पर क्या प्रतिक्रियाएँ आई हैं।
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पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, राजनीतिक करियर की झलक

सत्यपाल मलिक का निधन

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन मंगलवार को 79 वर्ष की आयु में हुआ। उनका निधन नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुआ, जहां वे लंबे समय से बीमार थे। मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू और कश्मीर के 10वें तथा अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान, 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया।


राजनीतिक यात्रा

इसके बाद, मलिक गोवा के 18वें राज्यपाल बने और अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। उनका राजनीतिक करियर 1974-77 के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में शुरू हुआ। उन्होंने 1980 से 1986 और 1986-89 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। 1989 से 1991 तक, वे जनता दल के सदस्य के रूप में अलीगढ़ से लोकसभा के सदस्य रहे। इसके अलावा, वे अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल रहे और 21 मार्च 2018 को ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।


व्यक्तिगत जीवन

सत्यपाल मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसावदा गाँव में एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1968-69 में, वे छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए, जिससे उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। मलिक ने पहली बार बागपत से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुनाव जीता था, जब उन्होंने चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा।


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