पूजा के दौरान छींकने का महत्व: शुभ या अशुभ?
पूजा में छींकने के संकेत

छींक आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो सर्दी, धूल या अन्य कारणों से हो सकती है। लेकिन जब बात शुभ-अशुभ संकेतों की होती है, तो छींक का महत्व बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी शुभ कार्य से पहले छींक आना कई संकेत दे सकता है।
जब पूजा के दौरान छींक आती है, तो यह कई बार शुभ संदेश भी लेकर आ सकती है। हालांकि, यह सोचने का विषय है कि पूजा के समय छींकना शुभ है या अशुभ। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
धार्मिक अनुष्ठानों या शुभ कार्यों के दौरान छींक आना अशुभ संकेत माना जाता है। ऐसा होने पर यह बाधाओं का संकेत हो सकता है। यदि पूजा करते समय छींक आ जाए, तो थोड़ी देर रुककर जल से आचमन करना चाहिए और फिर से पूजा शुरू करनी चाहिए। विवाह मंडप या पूजा स्थल पर छींक आना भी अशुभ माना जाता है।
छींक का शुभ संकेत तब होता है जब उत्तर या पश्चिम दिशा से छींकने की आवाज आती है, जो नए अवसरों और करियर में तरक्की का संकेत देती है। यदि छींकने की आवाज उत्तर-पूर्व दिशा से आए, तो यह धन लाभ का संकेत है।
इसके अलावा, यदि श्मशान घाट जैसी नकारात्मक जगह पर कोई छींकता है, तो इसे सकारात्मकता का संकेत माना जाता है।