पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगदड़: श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए नए उपाय

भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की भीड़
पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के एक दिन बाद, सोमवार को हजारों श्रद्धालु भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे।
सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार की घटना के बाद, श्री गुंडिचा मंदिर के सामने अवरोधक स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, मंदिर के अंदर 'अडापा मंडप' में देवताओं के दर्शन के लिए अलग-अलग कतारें बनाई गई हैं।
अनुष्ठान और प्रसाद की व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने जानकारी दी कि देवताओं के प्रवेश के बाद कई अनुष्ठानों के कारण सोमवार रात को पाहुड़ा नहीं किया गया। सोमवार को सुबह सात बजकर 40 मिनट पर मंगल आरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
पुलिस की निगरानी
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि वे सतर्क हैं और भगवान की कृपा से सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के श्री गुंडिचा मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं।
रथ यात्रा महोत्सव की व्यवस्थाएं
भगदड़ की घटना के बाद, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने श्रद्धालुओं से माफी मांगी और रथ यात्रा के शेष अनुष्ठानों के सुचारू संचालन के लिए प्रशासनिक फेरबदल किया। पुरी के नए जिलाधिकारी चंचल राणा और पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने रथ यात्रा महोत्सव की व्यवस्थाओं की देखरेख शुरू कर दी है।