पुणे में सोशल मीडिया पोस्ट के बाद तनाव, दो गुटों में झड़प

पुणे के दौंड क्षेत्र में एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। यवत गांव में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी गई और पत्थरबाजी की गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया। जानें इस घटना की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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पुणे में सोशल मीडिया पोस्ट के बाद तनाव, दो गुटों में झड़प

पुणे के दौंड में तनावपूर्ण स्थिति

पुणे, महाराष्ट्र: शुक्रवार को पुणे के दौंड क्षेत्र में एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के चलते स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। यवत गांव में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और एक धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी की गई। यह घटना पुणे से लगभग 80 किलोमीटर दूर यवत गांव में हुई। स्थिति को देखते हुए यवत का साप्ताहिक बाजार बंद कर दिया गया है।


आपत्तिजनक पोस्ट और बवाल की जड़

यवत के पुलिस निरीक्षक नारायण देशमुख ने बताया कि विवादास्पद पोस्ट डालने वाले युवक का नाम सैय्यद है, जिसे हिरासत में लिया गया है। इस मामले की पृष्ठभूमि इस प्रकार है:



  1. 26 जुलाई: यवत के नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी, जिसके चलते स्थानीय लोगों में विरोध शुरू हुआ।

  2. शुक्रवार: इसी विवाद के चलते एक युवक की आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

  3. भीड़ का गुस्सा: पोस्ट वायरल होते ही प्रदर्शनकारी युवक के घर पहुंचे और तोड़फोड़ की, जिससे दो पक्षों में टकराव हुआ और स्थिति बिगड़ गई।


पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। SP संदीप सिंह गिल ने बताया कि दोपहर को सूचना मिली कि यवत गांव में एक युवक ने अपने व्हाट्सएप और फेसबुक स्टेटस पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली है। सूचना मिलते ही युवक को पुलिस स्टेशन लाया गया और आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन तब तक पोस्ट सोशल मीडिया पर फैल चुकी थी।


गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए और धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी की। हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। यवत क्षेत्र में भारी पुलिस बल और सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। हालात फिलहाल काबू में हैं, लेकिन तनाव बना हुआ है।


महाराष्ट्र में पूर्व में भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में ऐसी घटनाओं के चलते हिंसा भड़की हो। इससे पहले मार्च में औरंगजेब कब्र विवाद के चलते नागपुर के महल क्षेत्र में भी दो पक्षों में हिंसा हुई थी। उस समय विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला जलाया था, जिसके बाद अफवाहें फैलीं कि प्रदर्शनकारियों ने एक धार्मिक पुस्तक भी जला दी।


एक और घटना: 4 दिसंबर 2023 को, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में PM नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया था, लेकिन 266 दिन बाद, 26 अगस्त को तेज़ हवा के कारण यह विशाल प्रतिमा ढह गई थी।


ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में सद्भाव और संवेदनशीलता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।