पुणे में साइबर ठगी: एनआईए और एटीएस के अधिकारी बनकर 70 वर्षीय व्यक्ति से 1.44 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

पुणे में एक 70 वर्षीय व्यक्ति को साइबर जालसाजों ने एनआईए और एटीएस का अधिकारी बताकर ठगी का शिकार बना लिया। जालसाजों ने उसे 'डिजिटल अरेस्ट' करने के बाद 1.44 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानें इस धोखाधड़ी की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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पुणे में साइबर ठगी: एनआईए और एटीएस के अधिकारी बनकर 70 वर्षीय व्यक्ति से 1.44 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

साइबर ठगी का मामला

पुणे में एक 70 वर्षीय व्यक्ति को साइबर जालसाजों ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का अधिकारी बताकर ठगी का शिकार बना लिया। जालसाजों ने उसे 'डिजिटल अरेस्ट' करने के बाद 1.44 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली।


पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को इस घटना की जानकारी दी। साइबर थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ित को 23 सितंबर को एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई से निरीक्षक बताया।


अधिकारी ने बताया कि जालसाज ने पीड़ित को बताया कि एटीएस की लखनऊ शाखा ने एक आतंकवादी को पकड़ा है, जिसने पीड़ित के नाम पर बैंक खातों का उपयोग किया था।


इसके बाद, पुलिस की वर्दी में एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित से बात की और कहा कि आगे की जांच एनआईए के प्रमुख करेंगे। इस दौरान, पीड़ित को वीडियो कॉल चालू रखने के लिए कहा गया और डर के मारे उसने ठगों के खातों में 1.44 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।


अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।