पुणे में ड्रग पार्टी में पूर्व मंत्री के दामाद की गिरफ्तारी

पुणे में ड्रग पार्टी का खुलासा
महाराष्ट्र के पुणे में एक छापेमारी के दौरान पकड़ी गई कथित ड्रग पार्टी में शामिल पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के दामाद प्रांजल खेवलकर और एक अन्य व्यक्ति के शराब पीने की पुष्टि हुई है, जैसा कि पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया।
प्रांजल खेवलकर की पत्नी और राकांपा (एसपी) की राज्य इकाई की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने सोमवार को पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात की।
पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पुष्टि की कि रोहिणी खडसे ने शाम को पुलिस आयुक्तालय में जाकर मामले के जांच अधिकारी पुलिस उपायुक्त (अपराध) निखिल पिंगले से मुलाकात की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खेवलकर और एक अन्य आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि उन्होंने शराब का सेवन किया था।
प्रांजल खेवालकर का परिचय
प्रांजल खेवालकर अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर खुद को एक उद्यमी, समाजसेवी, डॉक्टर और निर्माता के रूप में प्रस्तुत करते हैं। IMDb पर उनकी प्रोफ़ाइल में उल्लेख है कि वे "एक बहुमुखी व्यवसायी और निर्माता हैं, जिन्होंने हाल ही में अपना पहला प्रोजेक्ट 'ना होना तुमसे दूर' लॉन्च किया है।" यह एक संगीत वीडियो है, जिसे उनके नए प्रोडक्शन हाउस 'समर प्रोडक्शंस' के तहत जारी किया गया है।
प्रांजल खेवालकर ने ओटीटी क्षेत्र में सक्रियता से अवसरों की तलाश की है और उन्होंने चीनी उद्योग, बिजली उद्योग और इवेंट मैनेजमेंट में भी सफलता प्राप्त की है।
ड्रग पार्टी की छापेमारी
पुणे में रविवार तड़के एक ड्रग पार्टी पर छापेमारी के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे के पति प्रांजल खेवलकर भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि पार्टी में नशीले पदार्थ, हुक्का और शराब जब्त की गई। रविवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे पुलिस की अपराध शाखा ने छापेमारी की और एक स्टूडियो अपार्टमेंट में ड्रग पार्टी का भंडाफोड़ किया।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि छापेमारी में कोकीन और गांजा जैसे मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। उन्होंने आरोपियों की हिरासत की आवश्यकता बताई ताकि प्रतिबंधित सामग्री के स्रोत और आपूर्ति का पता लगाया जा सके।
अधिवक्ता का बयान
प्रांजल खेवलकर का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विजय थोम्ब्रे ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया गया है। वकील ने अदालत में कहा कि यह मामला राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम प्रतीत होता है। न्यायाधीश ने सभी सात आरोपियों को 29 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।