पुणे पुलिस ने रोहिणी खडसे का बयान ड्रग्स मामले में दर्ज किया

पुणे पुलिस ने रोहिणी खडसे का बयान उनके पति डॉ. प्रांजल खेवलकर के खिलाफ एक ड्रग्स मामले में दर्ज किया है। रोहिणी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें मामले से जुड़े कुछ बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए बुलाया था। उन्होंने अपने पति की निर्दोषता का विश्वास जताया है। इस मामले में पुलिस ने छापेमारी के दौरान कई प्रतिबंधित सामग्री जब्त की थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और रोहिणी के बयान के बारे में।
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पुणे पुलिस ने रोहिणी खडसे का बयान ड्रग्स मामले में दर्ज किया

रोहिणी खडसे का बयान

पुणे पुलिस ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-सपा) की नेता रोहिणी खडसे का बयान उनके पति डॉ. प्रांजल खेवलकर के खिलाफ एक कथित ड्रग्स पार्टी मामले में दर्ज किया। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए, रोहिणी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें मामले से संबंधित कुछ बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, "मैंने पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए हैं... चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए मीडिया के साथ अधिक जानकारी साझा करना उचित नहीं होगा। हम पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं।" रोहिणी ने यह भी कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पति निर्दोष हैं और यह अदालत में साबित होगा। रोहिणी, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की बेटी हैं।


पुलिस की कार्रवाई

सोमवार सुबह, रोहिणी पुणे पुलिस कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचीं, जहां अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की और उनका बयान लिया। पुलिस ने 25 जुलाई को तड़के करीब 3:20 बजे खराडी स्थित स्टेबर्ड एज़्योर सुइट बिल्डिंग के अपार्टमेंट नंबर 102 में छापेमारी के दौरान खेवलकर को चार पुरुषों और दो महिलाओं के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि मौके से 2.7 ग्राम कोकीन, 70 ग्राम मारिजुआना, दस मोबाइल फोन, दो कारें, एक हुक्का पॉट, शराब और बीयर की बोतलें सहित अन्य सामान जब्त किया गया, जिनकी कुल कीमत 41,35,400 रुपये है। फोरेंसिक जांच में यह पुष्टि हुई कि खेवलकर ने कोई ड्रग्स नहीं लिया था। इस मामले में 25 सितंबर को एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।


खेवलकर का बचाव

खेवलकर ने अपने वकील के माध्यम से अदालत में दलील दी थी कि पुलिस ने इस मामले में जब्त की गई प्रतिबंधित सामग्री को "राजनीतिक" कारणों से रखा था। वकील ने यह भी तर्क किया कि खेवलकर ने न तो ड्रग्स का सेवन किया था और न ही उनके पास से कोई ड्रग्स बरामद हुई थी, इसलिए उनके खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत लगाए गए आरोप झूठे हैं।