पुणे के शनिवारवाड़ा किले पर विवाद: मुख्यमंत्री ने नियमों के पालन की अपील की

पुणे के शनिवारवाड़ा किले में नमाज़ अदा करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसमें भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी से नियमों का पालन करने की अपील की है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस घटना के बाद एएसआई ने जांच शुरू की है, जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। क्या यह विवाद और बढ़ेगा? जानें पूरी कहानी में।
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पुणे के शनिवारवाड़ा किले पर विवाद: मुख्यमंत्री ने नियमों के पालन की अपील की

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के शनिवारवाड़ा किले से जुड़े विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से नियमों और विनियमों का पालन करने की अपील की और चेतावनी दी कि कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह विवाद तब शुरू हुआ जब शनिवारवाड़ा में तीन महिलाओं ने नमाज़ अदा की, जिस पर भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद कुलकर्णी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उस स्थान का गोमूत्र से 'शुद्धिकरण' किया, जिससे विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच गरमागरम बहस छिड़ गई।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

कुलकर्णी ने अपने कार्य का बचाव करते हुए कहा कि शनिवारवाड़ा में ऐसी धार्मिक गतिविधियाँ नहीं होनी चाहिए। उनके इस कृत्य को भाजपा के कुछ सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनकी आलोचना की। शिवसेना की नीलम गोरहे ने कहा कि चूंकि शनिवारवाड़ा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत एक संरक्षित स्थल है, इसलिए कानून का पालन होना चाहिए। एनसीपी नेता रूपाली पाटिल थोम्ब्रे ने कुलकर्णी के खिलाफ सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए मामला दर्ज करने की मांग की।


एएसआई की जांच

घटना के बाद, एएसआई ने धरोहर स्थल पर उल्लंघनों की जांच के लिए मामला दर्ज किया। पुणे पुलिस ने कहा है कि वे आगे की कार्रवाई करने से पहले एएसआई से परामर्श करेंगे। पुलिस उपायुक्त कृषिकेश रावले ने आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और तदनुसार कार्रवाई की जाएगी। शनिवारवाड़ा, जो पेशवाओं द्वारा 1736 में निर्मित 13 मंजिला महल है, पुणे में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। हालांकि 1828 में आग लगने से इसका अधिकांश भाग नष्ट हो गया था, फिर भी इसकी किले की दीवारें और विशाल द्वार पुणे की समृद्ध विरासत के प्रतीक हैं, जिससे इसका संरक्षण प्राथमिकता बन गया है।