पीसीबी ने डब्ल्यूसीएल में खिलाड़ियों की भागीदारी पर लगाया प्रतिबंध

पीसीबी का कड़ा निर्णय
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने रविवार को विश्व चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) के आयोजकों पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए भविष्य में इस टूर्नामेंट में अपने खिलाड़ियों की भागीदारी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
भारत का विरोध
भारतीय टीम ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया था, जिससे पीसीबी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
पीसीबी का बयान
पीसीबी ने मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की वर्चुअल बैठक के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, "पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने यह घोषणा की है कि वह भविष्य में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) में भाग लेने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रहा है।"
उन्होंने डब्ल्यूसीएल द्वारा भारत को अंक देने के निर्णय पर भी कड़ी आपत्ति जताई, इसे "पाखंड और पक्षपातपूर्ण" करार दिया।
भारत-पाकिस्तान मैच का रद्द होना
ग्रुप चरण में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होना था, लेकिन भारतीय टीम ने आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्रीय भावनाओं का हवाला देते हुए खेलने से मना कर दिया।
इस कारण पाकिस्तान सीधे फाइनल में पहुंच गया।
डब्ल्यूसीएल की प्रतिक्रिया
डब्ल्यूसीएल ने ग्रुप चरण के मैच के रद्द होने के बाद माफी मांगी थी, जिसमें कहा गया था, "हम भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए एक बार फिर माफी मांगते हैं।"
पीसीबी की आलोचना
हालांकि, पीसीबी ने इस माफी को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि यह स्वीकार करता है कि मैच रद्द करने का निर्णय एक विशिष्ट राष्ट्रवादी भावना के आगे झुकने के कारण लिया गया।
बोर्ड ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों को ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दे सकता, जहां खेल भावना पर राजनीति हावी हो रही हो।
भविष्य की योजनाएँ
सूत्रों के अनुसार, डब्ल्यूसीएल के भारतीय प्रमोटर भविष्य में होने वाले टूर्नामेंट से पाकिस्तानी टीम को बाहर रखने पर विचार कर रहे हैं।