पीरियड्स में देरी: जानें इसके कारण और समाधान
पीरियड्स का समय पर न आना: सामान्य या गंभीर?
लेट पीरियड्स Image Credit source: Getty Images
महिलाओं के लिए हर महीने पीरियड्स आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। हालांकि, कभी-कभी यह समय पर नहीं आते, जिससे चिंता उत्पन्न हो सकती है। कुछ महिलाएं अनुभव करती हैं कि उनके पीरियड्स कुछ दिनों की देरी से आते हैं, जबकि कुछ मामलों में यह एक महीने या उससे अधिक समय तक भी हो सकता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत है।
यदि पीरियड्स का अनियमित होना बार-बार हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि पीरियड्स का समय पर न आना कब सामान्य है और कब सतर्क रहने की आवश्यकता है।
क्या पीरियड्स में देरी बीमारी का संकेत है?
आरएमएल हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सलोनी चड्ढा के अनुसार, पीरियड्स का समय पर न आना हमेशा किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता। कई बार यह तनाव, जीवनशैली या शारीरिक परिवर्तनों के कारण हो सकता है। यदि पीरियड्स कुछ दिनों की देरी से आते हैं और फिर सामान्य हो जाते हैं, तो यह चिंता का विषय नहीं है।
हालांकि, यदि लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते, अत्यधिक देरी होती है या अचानक पूरी तरह से बंद हो जाते हैं, तो यह किसी अंतर्निहित समस्या का संकेत हो सकता है। इसके साथ ही, यदि पेट में दर्द, अत्यधिक या कम ब्लीडिंग, कमजोरी या हार्मोन से संबंधित समस्याएं भी हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। समय पर जांच कराने से समस्या का सही कारण पता चल सकता है और उचित उपचार संभव है।
कौन सी बीमारियों का खतरा हो सकता है?
डॉ. सलोनी चड्ढा ने बताया कि पीरियड्स का बार-बार समय पर न आना कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। इनमें हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड की समस्याएं, पीसीओडी/पीसीओएस, वजन में अत्यधिक वृद्धि या कमी शामिल हैं। इसके अलावा, अधिक तनाव या खराब जीवनशैली भी इसके कारण बन सकती है।
कुछ मामलों में गर्भावस्था या एनीमिया जैसी स्थितियां भी पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह भविष्य में प्रजनन से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती हैं। इसलिए लक्षणों को समझना और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
बचाव के उपाय
संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
तनाव को कम करने का प्रयास करें।
नियमित दिनचर्या अपनाएं और पर्याप्त नींद लें।
हल्की-फुल्की एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से जांच कराएं।
