पीएम मोदी ने बिहार में 'अपराधी मंत्रियों' बिल पर विपक्ष को किया निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक रैली के दौरान 'अपराधी मंत्रियों' बिल पर विपक्ष को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि यदि कोई नेता 30 दिनों तक जेल में रहता है, तो उसे अपने पद से हटा दिया जाना चाहिए। इस बिल का कांग्रेस और अन्य दलों ने विरोध किया है। मोदी ने यह भी कहा कि लोगों को अपने नेताओं से नैतिकता की उम्मीद होती है। इस संदर्भ में तीन विधेयकों का भी उल्लेख किया गया, जो संसद में पेश किए गए हैं।
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पीएम मोदी ने बिहार में 'अपराधी मंत्रियों' बिल पर विपक्ष को किया निशाना

बिहार में रैली के दौरान पीएम मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार में विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, पर 'अपराधी मंत्रियों' बिल को लेकर हमला किया। यह बिल प्रस्तावित करता है कि यदि कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, या मंत्री 30 लगातार दिनों तक गिरफ्तार रहता है, तो उसे अपने पद से हटा दिया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस और अन्य कई दलों ने इस कदम का विरोध किया है। बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'यदि एक सरकारी कर्मचारी 50 घंटे के लिए जेल में है, तो उसे अपने पद से हटा दिया जाता है, चाहे वह चालक हो, क्लर्क हो या चपरासी। लेकिन क्या एक मुख्यमंत्री, मंत्री, या यहां तक कि प्रधानमंत्री को जेल में रहते हुए सरकार में बने रहना चाहिए?' यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी जब इस हफ्ते संसद में तीन विधेयकों का परिचय दिया गया था, जिसने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया।


उन्होंने आगे कहा, 'सरकारों को जेल से चलाने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए? क्या दोषी मंत्रियों को अपने पद पर बने रहने की अनुमति होनी चाहिए? लोग अपने नेताओं से नैतिकता की उम्मीद करते हैं।' वह बिहार में चुनावी माहौल में एक विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे।


तीन विधेयकों के बारे में

संघ शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025


संविधान (एक सौ तीसरा संशोधन) विधेयक, 2025


जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025


ये विधेयक इस सप्ताह संसद में पेश किए गए और बाद में एक संयुक्त समिति को भेज दिए गए। विधेयकों में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, या मुख्यमंत्री गिरफ्तार होते हैं और 30 लगातार दिनों तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन अपने पद से स्वचालित रूप से हटा दिया जाएगा, यदि उनके खिलाफ ऐसे अपराध हैं जिनकी सजा न्यूनतम पांच साल की है।