पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर कड़ी टिप्पणी की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में एक जनसभा में आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर कड़ी टिप्पणियां की। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत ने सीमा पार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षा व्यवस्था के पतन पर चिंता व्यक्त की। मोदी ने टीएमसी सरकार पर आरोप लगाया कि वह गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। जानें उनके विचार और राज्य की स्थिति के बारे में।
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पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर कड़ी टिप्पणी की

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में आयोजित एक जनसभा में कहा कि भारत ने सीमा पार स्थित आतंकवादी ढांचे को समाप्त कर दिया है, जिसकी कल्पना भी पाकिस्तान ने नहीं की थी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों ने हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाने की कोशिश की, लेकिन हमारी सेना ने उन्हें इसकी ताकत का एहसास कराया।


पश्चिम बंगाल की स्थिति पर चर्चा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि राज्य में व्यापक हिंसा, अराजकता, महिलाओं की असुरक्षा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी की स्वार्थी राजनीति गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।


उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत ने तीन बार उसके क्षेत्र में घुसकर कार्रवाई की है और यह कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है। भारत अब आतंकवादियों को चुन-चुनकर समाप्त करना जानता है।


भ्रष्टाचार और शिक्षा पर टिप्पणी

पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे गंभीर प्रभाव युवा और गरीब परिवारों पर पड़ता है। उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले का उदाहरण देते हुए कहा कि इसने हजारों शिक्षकों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है और उनके परिवारों को संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो रही है और शिक्षकों की अनुपस्थिति ने लाखों छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।


उन्होंने टीएमसी नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने इतनी बड़ी गलती की है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और इसके बजाय अदालतों को दोषी ठहराते हैं।


राजनीतिक स्थिति पर चिंता

पीएम मोदी ने मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई घटनाओं को राज्य सरकार की निर्ममता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार चलाने वाली पार्टी के लोग लोगों के घरों को पहचानकर उन्हें जलाने का काम करें और पुलिस मूकदर्शक बनी रहे, तो स्थिति कितनी भयावह होगी।


उन्होंने बंगाल के गरीब लोगों से पूछा कि क्या सरकार इस तरह चलती है, और कहा कि हर मुद्दे पर अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ता है।