पीएम मोदी का गुजरात दौरा: करोड़ों की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Image Credit source: getty images
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के दौरे पर हैं, जहां वे समुद्र से समृद्धि कार्यक्रम में शामिल होंगे और भावनगर से 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी भावनगर एयरपोर्ट से रोड शो करते हुए जवाहर ग्राउंड पहुंचेंगे, जहां वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
अहमदाबाद जिले के लोथल में, पीएम मोदी नेशनल मरीन हेरिटेज कॉम्प्लेक्स (NMHC) का दौरा करेंगे। भावनगर में रोड शो के दौरान, सड़क के दोनों किनारों पर लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे हैं, और पीएम उनका अभिवादन कर रहे हैं।
#WATCH | Gujarat | PM Modi conducts a roadshow in Bhavnagar
He will participate in Samudra se Samriddhi event and inaugurate and lay the foundation stone of multiple development projects worth over Rs 34,200 crore
(Source: ANI/DD) pic.twitter.com/iyghD1t6nt
— ANI (@ANI) September 20, 2025
दोपहर लगभग 1:30 बजे, पीएम मोदी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का दौरा करेंगे। भावनगर में पीएम मोदी के स्वागत के लिए बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं।
पीएम मोदी का संदेश
गुजरात में कार्यक्रम से पहले, पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'आज, 20 सितंबर, भारत के समुद्री क्षेत्र और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। सुबह लगभग 10:30 बजे, भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम में भाग लूंगा। 34,200 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास किया जाएगा। इनसे पूरे भारत के लोगों को लाभ होगा। शिपिंग क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख नीतियों पर भी हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा।'
Today, 20th September is an important day for Indias maritime sector and our quest towards self-reliance. At around 10:30 AM, will take part in the Samudra se Samriddhi programme in Bhavnagar. Works worth over Rs. 34,200 crores will be inaugurated or their foundation stones
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2025
लोथल का दौरा
पीएम मोदी लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएचएमसी) का दौरा करेंगे और उसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस परिसर का विकास लगभग 4,500 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन समुद्री परंपराओं का संरक्षण करना और इसे पर्यटन, अनुसंधान, शिक्षा और कौशल विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करना है.