पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त: 70 लाख किसानों के नाम क्यों हटाए गए?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु के कोयंबटूर में पीएम-किसान योजना की अगली किस्त जारी करेंगे। इस दौरान 70 लाख किसानों के नाम हटाए जाने का कारण भी सामने आया है। सरकार ने अपात्र किसानों की पहचान के लिए एक अभियान चलाया है। जानें इस योजना के लाभ और पात्रता मानदंड के बारे में विस्तार से।
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पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त: 70 लाख किसानों के नाम क्यों हटाए गए?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का नया अपडेट

पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त: 70 लाख किसानों के नाम क्यों हटाए गए?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर में 9 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना की अगली किस्त का वितरण करेंगे। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्टि की है कि यह राशि देशभर के योग्य किसानों के लिए ट्रांसफर की जाएगी। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन भी करेंगे, जहां से वे पीएम-किसान राशि का डिजिटल हस्तांतरण करेंगे। मोदी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। खास बात यह है कि पीएम किसान की अपडेटेड लिस्ट में 70 लाख किसानों के नाम हटा दिए गए हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।


आंध्र प्रदेश में कार्यक्रम के बाद कोयंबटूर का दौरा

मोदी पहले आंध्र प्रदेश जाएंगे, जहां वे पुट्टपर्थी में आध्यात्मिक गुरु भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद, वे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एक विशाल किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोयंबटूर जाएंगे, जिसमें 50,000 से अधिक किसान शामिल होंगे। यह कार्यक्रम तमिलनाडु प्राकृतिक कृषि हितधारक मंच द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रासायनिक मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है, ताकि भारत के कृषि भविष्य के लिए एक व्यवहार्य और जलवायु-अनुकूल मॉडल विकसित किया जा सके।


कैसे मिलता है पीएम-किसान का लाभ?

पीएम-किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार किसानों को हर साल 6,000 रुपए की सहायता प्रदान करती है। यह राशि हर चार महीने में 2,000 रुपए की तीन किस्तों में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी। पिछली किस्त (वित्त वर्ष 26 के अप्रैल-जुलाई) में, 97.14 मिलियन किसानों को यह राशि प्राप्त हुई थी। दिसंबर-मार्च 2024-25 की अवधि में, यह राशि 10.68 मिलियन किसानों को ट्रांसफर की गई।


इस बार 70 लाख कम लाभार्थी क्यों हैं?

21वीं किस्त के लिए पात्र किसानों की संख्या में लगभग 70 लाख की कमी आई है। यह कमी सरकार द्वारा योजना के लिए अपात्र किसानों की पहचान करने के लिए चलाए जा रहे एक कठोर अभियान के कारण हुई है। सरकार ने कई हजार किसानों के खातों और रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाओं को रोक दिया है। मंत्रालय को संदेह है कि इनमें से कई किसान योजना के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। कृषि मंत्रालय सभी योग्य किसानों को इस योजना में शामिल करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी ‘सैचुरेशन कैंपेन’ भी चला रहा है। पीएम-किसान पोर्टल पर जारी एक नोटिस में कहा गया है कि कृषि विभाग ने “कुछ संदिग्ध मामलों की पहचान की है जो पीएम-किसान योजना के लाइडलाइंस में उल्लिखित एक्लूजन क्राइटेरिया के अंतर्गत आ सकते हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे वेबसाइट पर अपनी पात्रता की जांच करें।


पीएम-किसान योजना के लाभों के लिए कौन पात्र नहीं है?

पीएम-किसान गाइडलाइंस के अनुसार, राज्य सरकारें लाभार्थियों की पहचान करती हैं। कोई भी भूमि-स्वामी किसान परिवार इस योजना में भाग ले सकता है, बशर्ते वह एक्सक्लूजन क्राइटेरिया मानदंडों के अंतर्गत न आता हो। इसमें आय सीमा के अंतर्गत न आने वाले, आयकर देने वाले किसान, सरकारी कर्मचारी, निर्वाचित जनप्रतिनिधि और 10,000 या उससे अधिक मासिक पेंशन पाने वाले लोग शामिल नहीं हैं। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य किसानों को ही पीएम-किसान योजना का लाभ मिले और गलत भुगतान की संभावनाओं को समाप्त किया जाए।