पितृ पक्ष 2025: श्राद्ध कर्म को सार्वजनिक करना हो सकता है हानिकारक

पितृ पक्ष के नियम
पितृ पक्ष 2025 के नियम: वर्तमान में पितृ पक्ष चल रहा है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध, पिंडदान, दान आदि करते हैं। पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पंचबली कर्म आदि का आयोजन किया जाता है। आजकल सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान अधिक है। लोग अपने किसी भी कार्य की फोटो या वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर साझा कर देते हैं। इस कारण, कुछ लोग पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध और तर्पण की तस्वीरें भी साझा करते हैं। यदि आप भी ऐसा करने का विचार कर रहे हैं, तो यह गलती न करें; यह आपके लिए भारी पड़ सकता है।

सोशल मीडिया पर फोटो डालने से पूर्वज हो सकते हैं नाराज।
उज्जैन के महारिषि पाणिनी संस्कृत और वेद विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि श्राद्ध कर्म का प्रदर्शन शास्त्रों में निषिद्ध है। उन्होंने बताया कि मनुस्मृति, गरुड़ पुराण और धर्मसिंधु में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्वजों का श्राद्ध पूरी तरह से गोपनीय रखा जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध का मूल विचार निस्वार्थ कार्य करना है, न कि उसका प्रदर्शन करना।
श्राद्ध का सार्वजनिक प्रदर्शन शास्त्रों के अनुसार नहीं है।
ज्योतिषी डॉ. तिवारी के अनुसार, मनुस्मृति (3/203) में उल्लेख है, "श्राद्धं प्रकटयनीयं न लभेत परमं श्रीम्।" इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति श्राद्ध का प्रदर्शन करता है, उसे सर्वोत्तम फल नहीं मिलता।
गृह्यसूत्र और धर्मसिंधु में श्राद्ध अनुष्ठान को "गुप्त" बताया गया है। शोर और सार्वजनिक प्रदर्शन, अर्थात् बाहरी दिखावा, श्राद्ध अनुष्ठान में पूरी तरह से निषिद्ध है।
भावनाओं की शुद्धता नष्ट होती है।
ज्योतिषी डॉ. तिवारी का कहना है कि लोगों को समझना चाहिए कि श्राद्ध करने की मूल भावना "श्रद्धा" से जुड़ी है, न कि दिखावे से। जो भी आप अपने पूर्वजों को श्रद्धा से अर्पित करते हैं, वही श्राद्ध कहलाता है। सोशल मीडिया पर श्राद्ध का प्रदर्शन करने से भावनाओं की शुद्धता नष्ट होती है, जिससे पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, पूर्वज चाहते हैं कि श्राद्ध का कार्य एकांत में और निस्वार्थ भाव से किया जाए। श्राद्ध कर्म का प्रचार आपके पूर्वजों को नाराज कर सकता है, जिससे आपका पुण्य नष्ट हो सकता है। श्राद्ध को सार्वजनिक करने से उस अनुष्ठान की गोपनीयता टूट जाती है और उसका पुण्य खो जाता है।
श्राद्ध के दौरान क्या करें
यदि आप पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं, तो उस समय आपको पूरी एकाग्रता और भक्ति के साथ करना चाहिए। श्राद्ध अनुष्ठान या पूर्वजों के तर्पण की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर न डालें। पितृ तर्पण को निस्वार्थ भाव से और गोपनीयता के साथ करें।
PC सोशल मीडिया