पितृ पक्ष 2025: पिंड दान के लिए प्रमुख स्थान

पितृ पक्ष 2025 में पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण समय है। इस दौरान पिंड दान करने के लिए कई पवित्र स्थानों का उल्लेख किया गया है, जैसे जगन्नाथ पुरी, ओमकारेश्वर, पुष्कर और हरिद्वार। इन स्थानों पर पिंड दान करने से पूर्वजों को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है। जानें इन स्थानों के महत्व और पिंड दान की प्रक्रिया के बारे में।
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पितृ पक्ष 2025: पिंड दान के लिए प्रमुख स्थान

पितृ पक्ष का महत्व


पितृ पक्ष 2025: पितृ पक्ष एक 16 दिवसीय अवधि है, जिसमें पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। यह वर्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू हुआ है। इस दौरान लोग श्राद्ध कर्म और पिंड दान करते हैं। पिंड दान एक हिंदू अनुष्ठान है, जिसमें चावल या जौ के आटे से बना पिंड पूर्वजों को समर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है।


पिंड दान के लिए प्रमुख स्थान

पितृ पक्ष 2025: पिंड दान के लिए प्रमुख स्थान

भारत में कुछ पवित्र स्थान हैं, जहां पिंड दान करना विशेष फलदायी माना जाता है। जब भी पिंड दान की बात आती है, तो सबसे पहले बिहार का गया का नाम आता है। लेकिन गया के अलावा भी कुछ अन्य पवित्र स्थान हैं, जहां पिंड दान किया जा सकता है।

वेदिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में पिंड दान के लिए 13 प्रमुख तीर्थ स्थलों को माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन स्थानों पर तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। पिंड दान करने के स्थान को लेकर अक्सर भ्रम होता है, क्योंकि लोग स्थान, परंपरा और विश्वास के आधार पर निर्णय नहीं ले पाते। यहां हम आपको 10 स्थानों के बारे में बता रहे हैं, जहां श्राद्ध पक्ष में पिंड दान करना चाहिए।


जगन्नाथ पुरी

जगन्नाथ पुरी: ओडिशा में स्थित जगन्नाथ पुरी भगवान जगन्नाथ का पवित्र क्षेत्र है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। जगन्नाथ पुरी को प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है, इसलिए यहां पिंड दान करने से पूर्वजों को शांति मिलती है। जगन्नाथ पुरी की भुवनेश्वर से दूरी लगभग 61 किमी है। यहां एक रेलवे स्टेशन भी है, जहां से आप ट्रेन द्वारा पहुंच सकते हैं।


ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: यह मध्य प्रदेश के खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इस पवित्र स्थान को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास माना जाता है। यहां पूर्वजों को मोक्ष अवश्य मिलता है। यहां पिंड दान के लिए आसानी से पहुंचा जा सकता है।


पुष्कर

पुष्कर: राजस्थान में स्थित पुष्कर को तीर्थों का राजा कहा जाता है। यहां पिंड दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि यहां पिंड दान करने से करोड़ों यज्ञों का पुण्य प्राप्त होता है।


हरिद्वार

हरिद्वार: यह पवित्र तीर्थ स्थल उत्तराखंड में गंगा के किनारे स्थित है। यहां हर की पौड़ी पर श्राद्ध करना प्रथा है। ऐसा माना जाता है कि यहां पिंड दान करने से पूर्वजों का मोक्ष का मार्ग खुलता है।


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