पिता के अंतिम संस्कार से बेटे ने किया इनकार, जमीन के विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें

एक दिलचस्प घटना में, एक बेटी ने अपने पिता की संपत्ति अपने नाम करवा ली, जिसके बाद उसके इकलौते बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। यह मामला तालमऊ गांव का है, जहां बेटे ने कहा कि जिसने पिता की जमीन ली है, वही अंतिम संस्कार करे। गांव के लोगों ने बेटे को समझाने का प्रयास किया और अंततः एक समझौता हुआ, जिसके बाद बेटे ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। जानें इस अनोखे मामले की पूरी कहानी।
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पिता के अंतिम संस्कार से बेटे ने किया इनकार, जमीन के विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें

पिता का शव 23 घंटे तक घर पर रखा गया

पिता के अंतिम संस्कार से बेटे ने किया इनकार, जमीन के विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें


एक बेटी ने अपने पिता की संपत्ति अपने नाम करवा ली, जिससे उसके इकलौते बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इस कारण बुजुर्ग का शव 23 घंटे तक घर में ही रखा रहा।


समाज ने बेटे को समझाया

शनिवार को गांव के लोग, समाज और पुलिस ने बेटे को समझाने का प्रयास किया। अंततः एक एकड़ जमीन उसके नाम करने का स्टांप तैयार किया गया, जिसके बाद बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार किया। यह घटना बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र के तालमऊ गांव की हरिजन बस्ती में हुई।


पिता की संपत्ति का विवाद

तालमऊ गांव के हरिजन बस्ती के निवासी चिन्ना अहिरवार (65) की दो एकड़ जमीन की रजिस्ट्री उनकी बेटी सुनीता ने अपने नाम करवा ली थी। यह जानकारी चिन्ना को तब मिली जब उनके खाते में किसान सम्मान निधि की राशि नहीं आई।


इस घटना से वह सदमे में आ गए और पिछले 15 दिनों से बीमार रहने लगे। उनके बेटे राजू अहिरवार (45), जो नागपुर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे, पिता की बीमारी की खबर सुनकर गांव लौट आए।


बेटे का अंतिम संस्कार से इनकार

बीमार पिता की शुक्रवार शाम को मृत्यु हो गई। गांव के लोग इकट्ठा हुए, लेकिन राजू ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जिसने पिता की जमीन ली है, वही अंतिम संस्कार करे।


समझौता और अंतिम संस्कार

बल्देवगढ़ थाना प्रभारी रवि गुप्ता ने बताया कि समाज और परिवार के सदस्यों ने राजू और उसकी बहन सुमन को समझाया। इस बातचीत में तय हुआ कि पिता की दो एकड़ जमीन को बेटे और बेटी के बीच एक-एक एकड़ बांटा जाएगा।


इस समझौते के बाद राजू ने अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए सहमति दी और 23 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। जमीन के बंटवारे की प्रक्रिया सोमवार को पूरी की जाएगी।