पारस पीपल: धन और समृद्धि का चमत्कारी वृक्ष

पारस पीपल का महत्व
हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। यदि आप धर्म और आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं, तो आपको यह ज्ञात होगा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि वह वृक्षों में पीपल हैं। इस प्रकार, पीपल के वृक्ष की महत्ता स्पष्ट होती है। लेकिन क्या आपने कभी पारस पीपल के बारे में सुना है? शायद आपका उत्तर नकारात्मक होगा।
आइए, हम आपको पारस पीपल के बारे में बताते हैं, जो एक अद्भुत वृक्ष है। इसके पत्तों को तिजोरियों में रखने से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है। इसके अलावा, इस वृक्ष के पत्ते कई अन्य लाभ भी प्रदान करते हैं।
पारस पीपल की विशेषताएँ
वास्तु और ज्योतिष में कुछ वस्तुओं का उल्लेख किया गया है, जो चमत्कारी और शुभ मानी जाती हैं। इन्हें अपने पास रखने से व्यक्ति के दुख-दर्द समाप्त हो सकते हैं। पारस पीपल का वृक्ष भी इनमें से एक है। यह एक दुर्लभ वृक्ष है, जिसे घर के आंगन में लगाने से परिवार में धन की कमी नहीं होती। इसके अलावा, पारस पीपल का उपयोग आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण है।
पारस पीपल के लाभ

पारस पीपल का उपयोग नशे की लत को छोड़ने में भी किया जा सकता है। इसके पत्तों का उपयोग धन, वैभव, सुख और ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है। पारस पीपल सामान्य पीपल से भिन्न होता है और यह आमतौर पर जंगलों में पाया जाता है। इसके पत्ते पीपल के समान होते हैं, लेकिन गोलाई में अधिक होते हैं और इनमें पीले रंग के फूल भी आते हैं।
ज्योतिष में पारस पीपल का स्थान

जैसा कि इसके नाम में 'पारस' जुड़ा है, यह पौधा अपने आस-पास की वस्तुओं को सोने के समान बना देता है। इसलिए इसका ज्योतिष और आयुर्वेद में विशेष महत्व है। ज्योतिष में इसे 'गुरु का वृक्ष' कहा जाता है। यदि किसी की कुंडली में गुरु कमजोर है, तो इस पौधे को घर में लगाना चाहिए।
इसके अलावा, पारस पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। यदि कोई व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण होना चाहता है, तो उसे पारस पीपल की पूजा अवश्य करनी चाहिए। आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यक्ति को पारस पीपल के 108 पत्तों पर भगवान विष्णु का नाम लिखकर नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
स्वास्थ्य और विवाह में सहायता

यदि घर में कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है, तो पारस पीपल के 21 पत्तों पर 'ऊं हं हनुमतै नमः' लिखकर बहते पानी में डालना चाहिए। इससे बुरी नजर का प्रभाव समाप्त होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। यदि किसी जातक की शादी नहीं हो रही है, तो पारस पीपल की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही गुरु ग्रह के मंत्र का जाप करने से विवाह के योग बनते हैं।