पानीपत में एसिड अटैक मामले में कोर्ट का फैसला: सभी आरोपी बरी
कोर्ट का निर्णय
हरियाणा के पानीपत में MBA छात्रा शाहीन मलिक पर हुए एसिड अटैक के मामले में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने बुधवार, 24 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया। एडिशनल सेशन जज जगमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस की जांच में कई महत्वपूर्ण खामियां थीं, जिसके चलते आरोप साबित नहीं हो सके।
16 साल का लंबा इंतजार
16 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, कोर्ट ने बुधवार को अपना निर्णय सुनाया, जिससे सभी को आश्चर्य हुआ। पुलिस आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने में असफल रही, जिसके कारण अदालत ने उन्हें निर्दोष करार दिया।
शाहीन मलिक की प्रतिक्रिया
जब कोर्ट में फैसला सुनाया जा रहा था, शाहीन मलिक भी वहां मौजूद थीं। फैसले के बाद वह भावुक हो गईं और नम आंखों से कहा कि उन्होंने 16 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा ही नतीजा आना था, तो बेहतर होता कि पहले ही प्रतिशोध ले लिया होता।
घटना का विवरण
घटना के समय, शाहीन मलिक पानीपत स्थित पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से MBA की पढ़ाई कर रही थीं। आरोप है कि उनके पूर्व बॉस, जो पहले से शादीशुदा थे, ने उन्हें लगातार परेशान किया। यह मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न कई हफ्तों तक चला। पुलिस जांच में यह सामने आया कि बॉस की पत्नी ने एक छात्र के साथ मिलकर शाहीन पर एसिड अटैक की साजिश रची। इस हमले ने शाहीन का चेहरा बुरी तरह झुलसा दिया, जिससे उनकी जिंदगी बदल गई।
देशव्यापी आक्रोश
शाहीन मलिक पर हुए इस जघन्य हमले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, 2013 में ट्रायल को हरियाणा से दिल्ली स्थानांतरित किया गया। इस केस के कारण एसिड अटैक का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने देशभर में तेजाब की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। इस घटना के बाद, शाहीन ने हार नहीं मानी और एक NGO की स्थापना की, जो एसिड अटैक सर्वाइवर्स को चिकित्सा सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है।
