पानी के अत्यधिक सेवन के दुष्प्रभाव: जानें क्या हैं खतरे

पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, लेकिन अत्यधिक पानी पीना हानिकारक हो सकता है। ओवरहाइड्रेशन से हृदय, किडनी और लीवर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति शरीर के इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बिगाड़ सकती है, जिससे सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जानें अधिक जानकारी इस लेख में।
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पानी के अत्यधिक सेवन के दुष्प्रभाव: जानें क्या हैं खतरे

पानी का महत्व और उसके दुष्प्रभाव


पानी का सेवन सभी के लिए आवश्यक है। बचपन से हम सुनते आए हैं कि अधिक पानी पीने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। लेकिन, अत्यधिक पानी पीना हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। इसे ओवरहाइड्रेशन या वॉटर इंटॉक्सिकेशन के नाम से जाना जाता है।


आइए, जानते हैं कि अधिक पानी पीने से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।


ज्यादा पानी पीने के दुष्प्रभाव


दिल पर असर-
यदि आप अत्यधिक पानी का सेवन करते हैं, तो आपको हार्ट फेलियर का खतरा हो सकता है। अधिक पानी पीने से शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हृदय की रक्त धमनियों पर दबाव बढ़ता है। इससे हृदयगति रुकने का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए अधिक पानी पीने से बचना चाहिए।


किडनी पर प्रभाव-
ओवरहाइड्रेशन से किडनी को भी नुकसान होता है। जब हम ज्यादा पानी पीते हैं, तो आर्जिनिन वैसोप्रेसिन का प्लाज्मा स्तर घटता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसलिए, अधिक पानी का सेवन न करना आपके लिए आवश्यक है।


लीवर को खतरा-
कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि ओवरहाइड्रेशन केवल साधारण पानी से नहीं होता, बल्कि आयरन युक्त पानी का अधिक सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। इससे लीवर से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


सेल्स में सूजन-
जब आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं, तो शरीर में सोडियम का स्तर कम हो जाता है। इससे पानी ऑस्मोसिस प्रक्रिया के जरिए सेल्स में प्रवेश कर जाता है, जिससे सूजन की समस्या उत्पन्न होती है। यह स्थिति गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे मांसपेशियों और मस्तिष्क को नुकसान।


विशेषज्ञों की राय


डॉक्टरों के अनुसार, अत्यधिक पानी पीने को हाइपोनेट्रेमिया या वॉटर इंटॉक्सिफिकेशन कहा जाता है। यह स्थिति शरीर के इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बिगाड़ सकती है। ज्यादा पानी पीने से खून में सोडियम का स्तर घटता है, जिससे सेल्स सूज जाती हैं। गंभीर मामलों में, यह दौरे या कोमा का कारण बन सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।