पाकिस्तान ने बलात्कार विरोधी कानूनों को मंजूरी दी, रासायनिक बधियाकरण का प्रावधान
पाकिस्तान की कैबिनेट का महत्वपूर्ण निर्णय
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कैबिनेट ने शुक्रवार को बलात्कार के खिलाफ दो नए अध्यादेशों को स्वीकृति दी है। इनमें से एक अध्यादेश में दोषियों के रासायनिक बधियाकरण का प्रावधान है, जबकि दूसरा बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन की अनुमति देता है।
रासायनिक बधियाकरण की प्रक्रिया
रासायनिक बधियाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रसायनों का उपयोग कर व्यक्ति की यौन उत्तेजना को कम या समाप्त किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति की बैठक में इन अध्यादेशों को मंजूरी दी गई।
अध्यादेशों की विशेषताएँ
पहली बार अपराध करने वाले या पुनरावृत्ति करने वाले अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय के रूप में देखा जाएगा, और इसके लिए दोषी की सहमति आवश्यक होगी। कानून मंत्री ने बताया कि यदि सहमति के बिना बधियाकरण का आदेश दिया जाता है, तो दोषी इसे अदालत में चुनौती दे सकता है।
सजा का निर्धारण
अगर कोई दोषी बधियाकरण के लिए सहमत नहीं होता है, तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा शामिल है। न्यायाधीश के पास यह अधिकार होगा कि वह रासायनिक बधियाकरण या अन्य सजा का आदेश दे सके।
विशेष अदालतों का गठन
अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है, जिसमें विशेष अभियोजकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा, जो प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित करेंगे।
