पाकिस्तान ने तुर्किए का कर्ज चुकाया, दाएश के प्रमुख को किया गिरफ्तार

पाकिस्तान ने तुर्किए का कर्ज चुकाते हुए दाएश के प्रमुख ओजगुर अल्तुन को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तुर्किए और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है। जानें इस सहयोग के पीछे की कहानी और दाएश के खतरे के बारे में।
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पाकिस्तान ने तुर्किए का कर्ज चुकाया, दाएश के प्रमुख को किया गिरफ्तार

पाकिस्तान और तुर्किए का सहयोग

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ संघर्ष में तुर्किए की हर संभव सहायता की थी, चाहे वह कूटनीतिक स्तर पर हो या सैन्य मदद के रूप में। इस सहयोग के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दुआन को भाई के रूप में संबोधित करते रहे हैं। अब पाकिस्तान ने तुर्किए का यह कर्ज चुकाने का कार्य किया है।


दाएश के प्रमुख की गिरफ्तारी

पाकिस्तानी और तुर्किए की खुफिया एजेंसियों ने मिलकर दाएश के प्रमुख ऑपरेटर ओजगुर अल्तुन को गिरफ्तार किया है, जो तुर्किए की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए सबसे वांटेड था। तुर्किए के राष्ट्रीय खुफिया संगठन (MIT) और पाकिस्तान की ISI ने एक संयुक्त अभियान में उसे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पकड़ा।


दाएश का खतरा

तुर्किए मीडिया के अनुसार, अल्तुन, जिसे 'अबू यासिर अल तुर्की' के नाम से भी जाना जाता है, दाएश का एक प्रमुख सदस्य है और समूह का मीडिया प्रवक्ता भी रहा है। दाएश ने तुर्किए पर कई हमले किए हैं। इस गिरफ्तारी को दोनों देशों की खुफिया सेवाओं के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन माना जा रहा है।


भारत के लिए चिंता

यह घटना दर्शाती है कि तुर्किए और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। इसके साथ ही, इनका संबंध भारत के करीबी सहयोगी अफगानिस्तान तक फैला हुआ है, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि वे भारत के खिलाफ साजिश कर सकते हैं।


पिछले साल की गिरफ्तारी

पिछले साल दिसंबर में, तुर्किए की सुरक्षा एजेंसियों ने दाएश से जुड़े 32 संदिग्धों को हिरासत में लिया था, जो चर्चों और आराधनालयों के साथ-साथ इराकी दूतावास पर हमले की योजना बना रहे थे। दाएश तुर्किए के अलावा इराक और सीरिया के लिए भी एक बड़ा खतरा बना हुआ है।