पाकिस्तान ने चीन से KJ-500 निगरानी विमान खरीदने की पुष्टि की

पाकिस्तान ने चीन से KJ-500 निगरानी विमान खरीदने की घोषणा की है, जो उसकी हवाई निगरानी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। यह निर्णय तब लिया गया जब पाकिस्तान ने अपने दो SAAB AEW&C विमानों को खो दिया। KJ-500, जो एक 'उड़ता कमांड सेंटर' है, 360 डिग्री रडार कवरेज प्रदान करता है और भारतीय हवाई क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम है। इस विमान की लागत लगभग 300 मिलियन डॉलर है, जो इसे अमेरिकी विमानों की तुलना में सस्ता बनाती है। भारत इस बढ़ते सैन्य सहयोग को लेकर चिंतित है और अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रहा है।
 | 
पाकिस्तान ने चीन से KJ-500 निगरानी विमान खरीदने की पुष्टि की

पाकिस्तान का नया रक्षा सौदा

पाकिस्तान ने चीन से KJ-500 निगरानी विमान खरीदने का निर्णय लिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब देश ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने तीन में से दो SAAB AEW&C (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) विमानों को खो दिया।


S-400 हमले से पाकिस्तान की निगरानी क्षमता में कमी

भारत के S-400 प्रणाली ने पाकिस्तान के एक SAAB AEW&C विमान को नष्ट कर दिया, जो कि पाकिस्तान की सीमा के 314 किलोमीटर अंदर था। इस हमले के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान ने अपनी हवाई निगरानी क्षमता का 70% खो दिया।


KJ-500 की विशेषताएँ

चीन का दावा है कि KJ-500 निगरानी विमान एक 'उड़ता कमांड सेंटर' है, जो पाकिस्तान वायु सेना को दुश्मन की हवाई गतिविधियों की जानकारी प्रदान करेगा। KJ-500, शानक्सी एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया गया है और यह Y-9 परिवहन प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसमें एक सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन की गई एरे (AESA) रडार प्रणाली है, जो 360 डिग्री कवरेज प्रदान करती है। यह रडार अन्य लड़ाकू विमानों का पता 470 किलोमीटर की दूरी पर लगा सकता है।


चीन का KJ-500 विमान

रक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस चीनी निगरानी विमान की लागत लगभग 300 मिलियन डॉलर है, जो अमेरिकी निगरानी विमानों की तुलना में सस्ती मानी जाती है। चीन का दावा है कि KJ-500 लगातार 12 घंटे उड़ान भर सकता है और 5,700 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि यह विमान अरब सागर से हिमालयी पर्वत श्रृंखला तक विवादित हवाई क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।


भारत की दो-फ्रंट युद्ध रणनीति को मजबूत करना

चीन नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसमें J-10, J-35, HQ-9 और KJ-500 जैसे प्लेटफार्मों का समावेश है। पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती सैन्य सहयोग भारत के लिए चिंता का विषय है। हालांकि, भारत भी अपनी दो-फ्रंट युद्ध रक्षा रणनीति को तेजी से मजबूत कर रहा है ताकि भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रह सके।


भारत की रक्षा क्षमताएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि KJ-500 अकेले भारत की रक्षा रणनीति को महत्वपूर्ण चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं में भारी निवेश जारी रखे हुए है।