पाकिस्तान के सेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा पर विवाद और सुरक्षा चिंताएं

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर 12 जून को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां उन्हें अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ समारोह में आमंत्रित किया गया है। इस यात्रा के खिलाफ पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस दौरान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का दबाव बनाया जा सकता है। जानें इस यात्रा के पीछे की सुरक्षा चिंताएं और पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति।
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पाकिस्तान के सेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा पर विवाद और सुरक्षा चिंताएं

जनरल मुनीर की अमेरिका यात्रा

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर 12 जून को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर वॉशिंगटन डीसी पहुंचेंगे। उन्हें अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ समारोह में आमंत्रित किया गया है।


यह कार्यक्रम 14 जून को आयोजित होगा, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 79वें जन्मदिन के साथ मेल खाता है। हालांकि, इस यात्रा के खिलाफ पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।


एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस उच्च-स्तरीय सैन्य बैठक में अमेरिका पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव बना सकता है। विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।


अमेरिका पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती सामरिक साझेदारी को लेकर भी चिंतित है। चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत चल रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से पाकिस्तान की चीन पर आर्थिक निर्भरता बढ़ रही है, जिससे चीन को अरब सागर तक सीधी पहुंच मिल रही है।


पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन

जनरल मुनीर की अमेरिका यात्रा को लेकर पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई लोग उन्हें अपराधी करार देकर इस यात्रा का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने अमेरिका में इस दौरे के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई है।


इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान अफगानिस्तान से संचालित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बढ़ते खतरे पर चर्चा कर सकता है। इसके अलावा, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका से समर्थन मांगने की संभावना भी है, जबकि भारत इसे द्विपक्षीय मामला मानता है।


अल-कायदा की नई धमकी

इस बीच, अल-कायदा ने एक नए संदेश में अमेरिका के खिलाफ जिहाद की अपील की है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप, एलन मस्क और अमेरिकी सांसद मार्को रुबियो जैसे नाम शामिल हैं। इन्हें इजरायल समर्थक बताया गया है।