पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा: शिमला समझौता अब 'मृत दस्तावेज', LoC अब सीजफायर लाइन

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में शिमला समझौते को 'मृत दस्तावेज' करार दिया और नियंत्रण रेखा को सीजफायर लाइन बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब 1948 की स्थिति में लौट आया है और युद्ध की स्थिति अभी भी बनी हुई है। आसिफ ने आतंकवाद से संबंधों को लेकर भी विवादास्पद बयान दिए, जिसमें उन्होंने अमेरिका के लिए आतंकवादी समूहों का समर्थन करने की बात स्वीकार की। इस लेख में उनके बयानों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा: शिमला समझौता अब 'मृत दस्तावेज', LoC अब सीजफायर लाइन

शिमला समझौता और वर्तमान स्थिति

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा कि 'शिमला समझौता' अब एक 'मृत दस्तावेज' है और 1972 का यह समझौता पूरी तरह समाप्त हो चुका है।


LoC की नई स्थिति

एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए, आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अब 1948 की स्थिति में लौट आया है, जहां संयुक्त राष्ट्र ने नियंत्रण रेखा (LoC) को सीजफायर लाइन के रूप में मान्यता दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि समझौते को अमान्य करने के बाद, पाकिस्तान अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाने के लिए स्वतंत्र है और इसे द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से हल करने के लिए बाध्य नहीं है।


युद्ध की स्थिति

आसिफ ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी टिप्पणी की, यह कहते हुए कि युद्ध की स्थिति अभी भी बनी हुई है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर हम पर युद्ध थोप दिया जाता है, तो प्रतिक्रिया पहले से भी अधिक मजबूत होगी।'


आतंकवाद से संबंध

पिछले महीने, ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि आतंकवादियों के रिश्तेदार पाकिस्तान में रह सकते हैं, लेकिन उन्होंने आतंकवादियों के साथ किसी भी संबंध से इनकार किया। उन्होंने कहा, 'हमने आतंकवाद से सभी संबंध तोड़ दिए हैं।' आसिफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले की जांच करने का आग्रह किया।


पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति रुख

एक वायरल वीडियो में, आसिफ ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों को वित्तीय सहायता और समर्थन दिया है। जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या पाकिस्तान ने इन आतंकवादी संगठनों का समर्थन किया है, तो उन्होंने कहा, 'हमने अमेरिका के लिए यह गंदा काम किया है।'