पाकिस्तान के आतंकी अड्डों में फिर से हलचल, लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियाँ बढ़ीं

पाकिस्तान के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियाँ फिर से तेज हो गई हैं, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, आतंकवादी संगठन पुनर्गठन के संकेत दे रहा है। जानें इस स्थिति का क्या प्रभाव हो सकता है और भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी।
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पाकिस्तान के आतंकी अड्डों में फिर से हलचल, लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियाँ बढ़ीं

मुरीदके मुख्यालय पर गतिविधियाँ

मुरीदके मुख्यालय पर गतिविधियाँ: ऑपरेशन सिंदूर के तहत नष्ट हुए पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों में फिर से हलचल देखने को मिल रही है। आतंकवादी अब भारत के खिलाफ साजिशें रचने के लिए सुबह और शाम दोनों समय इकट्ठा हो रहे हैं।


यहां हम मुरीदके में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय की बात कर रहे हैं, जहां पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियाँ फिर से शुरू हो गई हैं।


लश्कर-ए-तैयबा का पुनर्गठन

लश्कर-ए-तैयबा का पुनर्गठन: ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जो भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए चलाया गया था, लश्कर-ए-तैयबा फिर से संगठित होने के संकेत दे रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, सभी आतंकवादी ठिकानों का नवीनीकरण किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि लश्कर ने अपने मुरीदके मुख्यालय में जुमे की नमाज भी शुरू कर दी है।


यह ठिकाना लंबे समय से कट्टरपंथी विचारधारा का केंद्र रहा है। लश्कर के कुछ स्थानीय कैडरों को एक प्रार्थना कक्ष में देखा गया, जिसे भारत के हमलों में नष्ट किया गया था। यह वही स्थान है जहां लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद अपने भड़काऊ भाषण दिया करते थे।


पाकिस्तान पर नजर

पाकिस्तान पर नजर: भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियाँ पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी संगठनों पर नजर रखे हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना आतंकवादी ठिकानों को खाद्य सामग्री और हथियार पहुंचा रही है। लश्कर और जैश अपने नुकसान का फायदा उठाकर फंडिंग जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। एक सूत्र ने बताया कि ये संगठन सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देशों में अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं।