पाकिस्तान का बैलिस्टिक मिसाइल विकास: अमेरिका और भारत के लिए नई चिंता

पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल विकास ने अमेरिका और भारत के लिए नई चिंताएँ पैदा कर दी हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तान एक ऐसी ICBM विकसित कर रहा है जो अमेरिका तक पहुंच सकती है। यह जानकारी उस समय आई है जब पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को चीन के सहयोग से उन्नत करने की कोशिश कर रहा है। यदि पाकिस्तान इस प्रकार की मिसाइल हासिल करता है, तो यह न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि भारत के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन जाएगा।
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पाकिस्तान का बैलिस्टिक मिसाइल विकास: अमेरिका और भारत के लिए नई चिंता

पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल विकास की चिंता

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खतरे के बीच, अमेरिका को अब पाकिस्तान के एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी दी है कि पाकिस्तान एक ऐसी बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित कर रहा है, जो अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम हो सकती है। यदि पाकिस्तान इस प्रकार के हथियार का निर्माण करता है, तो यह न केवल अमेरिका, बल्कि भारत के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन जाएगा, क्योंकि इससे वह भारत के किसी भी हिस्से पर हमला कर सकता है।


पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम

यह जानकारी उस समय सामने आई है जब यह बताया जा रहा है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को चीन के सहयोग से उन्नत करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यदि पाकिस्तान इस प्रकार की मिसाइल हासिल कर लेता है, तो अमेरिका उसे परमाणु विरोधी घोषित कर सकता है.


ICBM की विशेषताएँ

ICBM एक लंबी दूरी की मिसाइल होती है, जिसकी रेंज 5,500 किलोमीटर (3,400 मील) से अधिक होती है, और इसे मुख्य रूप से परमाणु पेलोड पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये मिसाइलें पारंपरिक, रासायनिक या जैविक हथियार ले जाने में भी सक्षम होती हैं। आधुनिक ICBM में अक्सर कई ऑटो चारजिंग MIRV होते हैं, जो एक ही मिसाइल से कई वारहेड को अलग-अलग लक्ष्यों पर पहुंचाने की क्षमता प्रदान करते हैं।


पाकिस्तान की मिसाइल नीति

पाकिस्तान का हमेशा से यह दावा रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम भारत को रोकने के लिए है। इसकी नीति छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों के विकास पर केंद्रित रही है। 2022 में, पाकिस्तान ने शाहीन-3 नामक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो 2,700 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्यों को भेद सकती है, जिससे कई भारतीय शहर इसकी पहुंच में आ गए हैं.