पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बढ़ती अशांति: स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पिछले कुछ समय से बढ़ती अशांति ने स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। शहबाज़ शरीफ़ सरकार के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं, और एएसी ने 38-सूत्रीय मांगों का चार्टर पेश किया है। इस स्थिति के चलते पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा बलों को तैनात किया है। जानें इस मुद्दे की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की मांगें।
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बढ़ती अशांति: स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा

पाकिस्तान का कश्मीर पर कब्जा और स्थानीय लोगों की स्थिति

पाकिस्तान ने पिछले 70 वर्षों से कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिससे वहां के लोग लगातार परेशान हो रहे हैं। इस क्षेत्र में विकास की कमी और स्थानीय लोगों को नुकसान पहुंचाने के कारण पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लोगों का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है।


हाल के दिनों में, पीओके में सबसे बड़ी अशांति देखी गई है, जहां हजारों लोग शहबाज़ शरीफ़ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।


विरोध प्रदर्शनों का अगला चरण 15 अक्टूबर से शुरू होने की घोषणा की गई है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने क्षेत्र में सशस्त्र बलों को तैनात किया है, जिसमें पंजाब प्रांत से हजारों सैनिक शामिल हैं।


इस्लामाबाद से 1,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी भेजे गए हैं। विरोध प्रदर्शनों की आशंका के चलते कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह अशांति तब बढ़ी जब एएसी और पाकिस्तान सरकार के बीच वार्ता विफल हो गई।


स्थानीय लोगों की मांगें और एएसी का चार्टर

भ्रष्टाचार और उपेक्षा के खिलाफ स्थानीय लोगों को एकजुट करने के लिए एएसी ने पाकिस्तान सरकार के सामने 38-सूत्रीय मांगों का चार्टर पेश किया है। इनमें कश्मीरी शरणार्थियों के लिए पीओके विधानसभा में आरक्षित सीटों को खत्म करने की मांग शामिल है, जिसे स्थानीय लोग प्रतिनिधित्व के लिए हानिकारक मानते हैं।


इसके अलावा, रियायती आटा और उचित बिजली दरों की मांग भी की गई है, साथ ही लंबे समय से लंबित सुधारों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।