पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताएं और पर्यटन पर प्रभाव

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तीन महीने बाद सुरक्षा में चूक को लेकर चिंता बढ़ गई है। एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो हमलावरों को सहायता प्रदान करने के आरोप में हैं। उपराज्यपाल ने इसे सुरक्षा विफलता माना है, जबकि अमरनाथ यात्रा के दौरान पर्यटन के फिर से शुरू होने की उम्मीदें भी हैं। जानें इस घटना के बाद क्षेत्र में क्या हो रहा है और सुरक्षा बलों की तैयारियों के बारे में।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताएं और पर्यटन पर प्रभाव

सुरक्षा चूक और आतंकवादियों की गिरफ्तारी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तीन महीने बाद भी, हमलावरों का फरार रहना सुरक्षा में चूक को लेकर चिंता का विषय बना हुआ है। इस घटना के बाद जवाबदेही की मांग तेज हो गई है। एनआईए ने 22 अप्रैल को हुए हमले के सिलसिले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों का संबंध उन लोगों से है जिन्होंने हमलावरों को आवश्यक सामग्री मुहैया कराई थी, जबकि हमलावर अब भी सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से बाहर हैं। एनआईए ने 22 जून को पहलगाम के बटकोट निवासी परवेज अहमद जोथर और हिल पार्क निवासी बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने बताया कि ये आरोपी वर्तमान में हिरासत में हैं और उन्होंने हमले में शामिल तीन हथियारबंद आतंकवादियों की पहचान की है, जो पाकिस्तानी नागरिक हैं और प्रतिबंधित संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) से जुड़े हुए हैं। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से भी संबंधित है। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि परवेज और बशीर ने हमले से पहले जानबूझकर आतंकवादियों को हिल पार्क में पनाह दी थी।


उपराज्यपाल की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना को ‘सुरक्षा विफलता’ करार दिया है, जिसे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सराहा है, लेकिन उन्होंने जवाबदेही की भी मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि खुफिया एजेंसियों को हमले की संभावना के बारे में पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन इन सूचनाओं का उपयोग कहीं और किया गया, जिससे सुरक्षा में चूक हुई। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी, जो ‘फाल्कन स्क्वाड’ के सदस्य हैं, पहलगाम क्षेत्र में सैन्य वर्दी में घुसे थे और उनके पास सेना जैसे हथियार और संचार उपकरण थे। हमले की साजिश कथित तौर पर लश्कर के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने बनाई थी।


पर्यटन पर प्रभाव और आगामी तीर्थयात्राएं

अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम के लोग आतंकी हमले के बाद से पर्यटन के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि ‘अब पहलगाम की आत्मा को आतंकवाद के हाथों बंधक नहीं बनने दिया जाएगा’। अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदेरबल जिले के बालटाल मार्गों से होती है। हमले के बाद, यहां के होटल लगभग खाली हो गए थे, लेकिन अब कुछ पर्यटक पहलगाम में छुट्टियां बिताने आ रहे हैं।


सुरक्षा बलों की तैयारी

पुलिस ने आगामी तीर्थयात्राओं के शांतिपूर्ण समापन के लिए सुरक्षा योजनाएं बना ली हैं। कैलाश यात्रा, मणिमहेश और मचैल यात्रा जैसे स्थलों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। ये बल संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।