पश्चिम बंगाल विधानसभा में आतंकवादी हमले की निंदा का प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा का प्रस्ताव पेश करेंगे। इस प्रस्ताव में बैसरन घाटी में सेना की प्रतिक्रिया की सराहना की जाएगी। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करेगी और सभी को एकजुट होकर श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। इसके अलावा, विधानसभा में पेयजल मुद्दों और ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक पर भी चर्चा होगी।
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में आतंकवादी हमले की निंदा का प्रस्ताव

आगामी मानसून सत्र में प्रस्ताव की तैयारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में एक प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की जाएगी। इसके साथ ही, बैसरन घाटी में सेना की प्रतिक्रिया की सराहना भी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख नहीं किया जाएगा। मंगलवार को सदन में प्रस्ताव पेश होने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चर्चा में भाग लेने की संभावना है। हालांकि, मुख्यमंत्री का सोमवार को नई दिल्ली जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है, जैसा कि राज्य प्रशासन के सूत्रों ने बताया।


 


टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से पार्टी का रुख बताया है। पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति में टीएमसी इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करेगी। यह एक राष्ट्रीय मामला है। हम अपने जवानों के साथ हैं और देश के साथ खड़े हैं। हमें एकजुट होकर श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। यह समय है जब सभी को एकजुट होना चाहिए और केंद्र सरकार के रुख पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसलिए, विधानसभा में लाया जाने वाला प्रस्ताव हमारे जवानों के समर्थन में होगा और आतंकवादी ताकतों के खिलाफ होगा।


 


प्रस्ताव में कहा गया है, “यह सदन 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी में निर्दोष पर्यटकों पर किए गए बर्बर और अमानवीय हमले पर गहरा आघात और पीड़ा व्यक्त करता है, जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल के तीन सहित 26 निर्दोष लोगों की दुखद जान चली गई।” तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आगामी मानसून सत्र में मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में पेयजल मुद्दों और गंगा नदी के कटाव पर भी प्रस्ताव पेश करेगी। इसके अलावा, राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण संशोधन विधेयक भी ला सकती है, जिसमें ओबीसी सूची में 76 नई जातियों को जोड़ने का प्रस्ताव है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले सोमवार को पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर ओबीसी सूची में 76 नई जातियों को जोड़ने को मंजूरी दी, जिससे कुल जातीय समूहों की संख्या 140 हो गई।