पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में विधायक साहा पर छापे

प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल के विधायक जीवन कृष्ण साहा के ठिकानों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। जब साहा को छापे की जानकारी मिली, तो उन्होंने भागने का प्रयास किया, लेकिन ईडी के अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री भी शामिल हैं। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ।
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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में विधायक साहा पर छापे

विधायक साहा के परिसरों पर छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा और उनके कुछ रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत की गई। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब विधायक को छापे की जानकारी मिली, तो उन्होंने अपने घर की चारदीवारी फांदकर भागने का प्रयास किया। ईडी के अधिकारियों ने उनका पीछा किया और उन्हें नजदीकी क्षेत्र से पकड़ लिया। अधिकारी ने कहा, 'हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं।'


यह छापेमारी बीरभूम जिले के एक व्यक्ति द्वारा धन के लेनदेन की सूचना के आधार पर की गई। अधिकारी ने बताया कि यह व्यक्ति आज सुबह ईडी टीम के साथ साहा के घर गया था।


केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहले भी साहा की पत्नी से इस घोटाले के संबंध में पूछताछ की थी। मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान विधानसभा क्षेत्र से विधायक साहा के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की जा रही है।


सूत्रों के अनुसार, विधायक के कुछ रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है। साहा को 2023 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस घोटाले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।


ईडी का धन शोधन का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समूह 'सी' और 'डी' कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था।


ईडी ने पहले इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। तृणमूल ने चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने के बाद निलंबित कर दिया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में अब तक चार आरोपपत्र दाखिल किए हैं।