पश्चिम बंगाल में महाकाल मंदिर निर्माण की मंजूरी, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

पश्चिम बंगाल की सरकार ने सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा में महाकाल मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वादे को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, डाबग्राम में एक अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण भी स्वीकृत किया गया है। यह कदम क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। जानें इस परियोजना के बारे में और क्या योजनाएं हैं।
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पश्चिम बंगाल में महाकाल मंदिर निर्माण की मंजूरी, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

महाकाल मंदिर के निर्माण की स्वीकृति

पश्चिम बंगाल की सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा में एक भव्य महाकाल मंदिर का निर्माण किया जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अक्टूबर में उत्तर बंगाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान की गई घोषणा के बाद लिया गया। उन्होंने दार्जिलिंग के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की शैली में नए मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया था।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

कैबिनेट की बैठक के बाद, वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मीडिया को इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार माटीगाड़ा के लक्ष्मी टाउनशिप क्षेत्र में मौजूदा पट्टाधारकों से 25.15 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करेगी। इसमें से 17.41 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जाएगी, जबकि शेष भूमि को चरणबद्ध तरीके से सौंपा जाएगा। सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्र को महाकाल मंदिर के चारों ओर एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।


सांस्कृतिक और पर्यटन पहल

भट्टाचार्य ने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री के वादे को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि मंदिर परिसर में भगवान शिव की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिससे इसकी पर्यटन अपील में वृद्धि होगी। यह कदम राज्य सरकार की अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक पहलों के बाद उठाया गया है, जिसमें दीघा में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण और न्यू टाउन में 'दुर्गा आंगन' की योजना शामिल है।


नए कन्वेंशन सेंटर की स्वीकृति

महाकाल मंदिर परियोजना के अलावा, कैबिनेट ने उत्तर बंगाल के डाबग्राम क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर के निर्माण को भी मंजूरी दी है। यह केंद्र तीस्ता टाउनशिप क्षेत्र में एशियाई राजमार्ग 2 के निकट 10 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। भट्टाचार्य ने बताया कि इस क्षेत्र में बड़े आयोजनों और सम्मेलनों के लिए लंबे समय से ऐसे स्थल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।