पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से नाम कटने के डर से व्यक्ति की आत्महत्या

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक 52 वर्षीय व्यक्ति का शव उसके घर के पास एक पेड़ से लटका हुआ मिला। परिवार का कहना है कि वह मतदाता सूची से नाम कटने के डर से मानसिक तनाव में था। इस घटना ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
 | 
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से नाम कटने के डर से व्यक्ति की आत्महत्या

पश्चिम बंगाल में आत्महत्या का मामला

मुर्शिदाबाद जिले में बृहस्पतिवार को एक 52 वर्षीय व्यक्ति का शव उसके घर के निकट एक पेड़ से लटका हुआ मिला। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी।


पुलिस के अनुसार, मृतक के परिवार ने बताया कि वह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची से अपने नाम के हटने के डर से मानसिक तनाव में था।


मृतक की पहचान तारक साहा के रूप में हुई है, जो बेरहामपुर नगर पालिका के उत्तरपाड़ा क्षेत्र के गांधी कॉलोनी का निवासी था।


एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'साहा का शव उनके आवास के पास एक पेड़ से लटका हुआ मिला। परिवार के सदस्यों के अनुसार, जब साहा को पता चला कि उनका नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, तो वह चिंतित हो गए थे। साहा इस बात से परेशान थे कि उनके पास खुद को असली मतदाता साबित करने के लिए कोई पुराना दस्तावेज नहीं था।'


पश्चिम बंगाल में 23 वर्षों के बाद मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जा रहा है, जो कि पिछली बार 2002 में हुआ था। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।


पुलिस के अनुसार, एसआईआर की घोषणा के बाद से, कई लोगों ने मतदाता सूची से नाम कटने के डर से आत्महत्या करने की घटनाएं दर्ज की हैं।