पश्चिम बंगाल में बाढ़ और राजनीतिक हलचल: राज्यपाल की राष्ट्रपति से मुलाकात
पश्चिम बंगाल में हाल ही में आई बाढ़ ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की, जो इस संकट के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राज्यपाल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत शिविरों का निरीक्षण किया। उनके दौरे को एकजुटता का संदेश माना गया है। इस बीच, राजनीतिक हिंसा के मामलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जानें इस घटनाक्रम के सभी पहलुओं के बारे में।
Oct 8, 2025, 17:00 IST
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राजनीतिक तापमान में वृद्धि
महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले ने कहा था, "जो बंगाल आज सोचता है, वो भारत कल सोचेगा।" पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने वाले हैं, लेकिन यहां राजनीतिक गतिविधियां हमेशा सक्रिय रहती हैं। राज्य में राजनीतिक हिंसा भी एक आम बात है। हाल ही में, उत्तर बंगाल में भारी बारिश और भूस्खलन ने न केवल तबाही मचाई है, बल्कि राजनीतिक माहौल को भी गर्म कर दिया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति कार्यालय ने इस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की।
राज्यपाल का दौरा और राहत कार्य
राज्यपाल का दिल्ली दौरा राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर जब राज्य सरकार और केंद्र के बीच बाढ़ प्रबंधन और राहत उपायों को लेकर मतभेद हैं। बोस ने हाल ही में दक्षिण बंगाल से उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने दूधिया ब्रिज क्षेत्र का निरीक्षण किया, जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इस दौरान, उन्होंने स्थानीय निवासियों से बातचीत की और नुकसान का आकलन किया।
राहत शिविर का दौरा
इसके बाद, उन्होंने एक राहत शिविर का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों की जीवन स्थितियों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उन्हें पर्याप्त सरकारी सहायता और चिकित्सा देखभाल मिलेगी। उनके दौरे को राजभवन की ओर से एकजुटता का मजबूत संदेश माना गया। इस दौरान, उन्होंने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष से भी मुलाकात की, जो हाल ही में हुई हिंसा में घायल हुए थे।
राज्यपाल का बयान
राजभवन के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह कायरतापूर्ण कृत्य न्याय व्यवस्था पर हमला है। बयान में इस "घृणित कृत्य" में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। बोस को पहले उत्तर बंगाल के निरीक्षण के बाद कोलकाता लौटना था, लेकिन उन्होंने अपनी योजना में बदलाव करते हुए सीधे दिल्ली का रुख किया।