पश्चिम बंगाल में चुनावी धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा, 44 नकली EPIC कार्ड मिले

पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान एक महिला के नाम पर 44 नकली EPIC कार्ड का खुलासा हुआ है। चुनाव आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 47 मतदान केंद्रों पर जांच के आदेश दिए हैं। QR कोड स्कैन करने पर यह धोखाधड़ी सामने आई, जिसमें महिला के नाम का दुरुपयोग किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
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पश्चिम बंगाल में चुनावी धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा, 44 नकली EPIC कार्ड मिले

पश्चिम बंगाल में SIR के दौरान बड़ा खुलासा

पश्चिम बंगाल में चुनावी धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा, 44 नकली EPIC कार्ड मिले

पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान खुलासा.


पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। चुनाव आयोग ने 47 मतदान केंद्रों पर जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला के नाम पर 44 नकली EPIC कार्ड पाए गए हैं।


विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान आमतौर पर एक या दो EPIC कार्ड की जानकारी मिलती थी, लेकिन इस बार एक महिला के नाम पर 44 कार्ड मिलने से स्थिति गंभीर हो गई है। यह मामला दुर्गापुर-पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित है।


QR कोड से हुआ खुलासा


आयोग के अनुसार, इस महिला का नाम मायाराम गोस्वामी है, जो मेड का काम करती है। जब उनके न्यूमरेशन फॉर्म के QR कोड को स्कैन किया गया, तो यह धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। उनके नाम को उत्तर दिनाजपुर से गोसाबा तक 44 विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में शामिल किया गया है। हालांकि उनका नाम मायारानी है, लेकिन हर जगह उनके पति का सरनेम अलग-अलग रखा गया है, जैसे 'मंडल', 'रॉय', 'घोष', आदि।


जांच के बाद और मामले सामने आ सकते हैं


यह जानकर हैरानी होती है कि वोटर की उम्र को 2002 तक कम कर दिया गया है, ताकि उनकी जानकारी विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में फिट हो सके। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि 44 नकली EPIC कार्ड बनाना एक संगठित धोखाधड़ी का संकेत है। जांच के बाद और भी मामले सामने आ सकते हैं।


लाचार लोगों के नामों का किया गया दुरुपयोग


बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा कि अगर SIR की जांच नहीं की गई होती, तो यह सब सामने नहीं आता। यह बेहद चिंताजनक है कि कितने लाचार लोगों के नाम का दुरुपयोग किया गया है। चुनाव आयोग को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए।


गंभीर हैं आरोप, जल्दी हो जांच


तृणमूल के बूथ लेवल एजेंट पवन वर्मा ने कहा कि यह गंभीर आरोप हैं और चुनाव आयोग को तुरंत जांच करनी चाहिए। उन्हें यह पता लगाना चाहिए कि ऐसा कौन और क्यों कर रहा है। साथ ही, पीड़ित महिला को कोई नुकसान न हो, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। राज्य चुनाव आयोग ने पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


इनपुट (संतोष मंडल)