पश्चिम बंगाल में एमएसएमई को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास की संभावना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आरोपों का खंडन किया कि राज्य का कर्ज बढ़ रहा है और कहा कि पश्चिम बंगाल की भौगोलिक स्थिति इसे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत की वाणिज्यिक राजधानी बनाती है। बनर्जी ने एमएसएमई की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और रोजगार सृजन में मदद करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य का निर्यात 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
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पश्चिम बंगाल में एमएसएमई को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास की संभावना

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एमएसएमई पर जोर

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने से राज्य की आर्थिक प्रगति में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के कारण पश्चिम बंगाल पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत की वाणिज्यिक राजधानी के रूप में उभरा है।


बनर्जी ने कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि राज्य का कर्ज लगभग सात लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि राज्य पर कुल कितना कर्ज बकाया है।


मुख्यमंत्री ने विपक्ष के उस दावे का जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि बढ़ते कर्ज और कारोबार के पलायन के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। उन्होंने कहा, "कुछ लोग केवल नकारात्मकता फैलाते हैं। वास्तविकता इससे बिल्कुल भिन्न है।"


उन्होंने यह भी कहा कि आलोचकों को यह समझना चाहिए कि पश्चिम बंगाल वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के ढांचे के तहत काम कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से 1.97 लाख करोड़ रुपये के बकाये लंबित हैं।


बनर्जी ने कहा, "हमें सभी परियोजनाएं चलानी पड़ती हैं, भले ही केंद्र हमारी देनदारी का भुगतान न करे।" सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा स्थानीय दुकानों की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ये अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण हैं।


उन्होंने कहा, "छोटा ही सुंदर है। एमएसएमई अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखते हैं। नीतिगत समर्थन से बेरोजगारी कम करने और छोटे व्यापारियों को ऋण देने में मदद मिली है।"


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य का निर्यात 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, और पंजीकृत कंपनियों की संख्या 2.5 लाख से अधिक है।


बनर्जी ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल कृषि में अग्रणी है और जूट से लेकर चावल तक विभिन्न फसलों के उत्पादन में आगे है। उन्होंने कहा कि राज्य में 93 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं और कारोबारी सुगमता में राज्य का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर हुआ है।