पवन कल्याण ने मुगलों के महिमामंडन पर उठाए सवाल, भारतीय इतिहास की सच्चाई पर की चर्चा

पवन कल्याण की ऐतिहासिक दृष्टि
अभिनेता और राजनेता पवन कल्याण ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में मुग़ल शासकों की प्रशंसा की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में मुगलों के शासन के दौरान भारतीयों को जो पीड़ा सहनी पड़ी, उसे नजरअंदाज किया गया है। हैदराबाद में अपनी नई फिल्म 'हरि हर वीरा मल्लू' के ऐतिहासिक विषयों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने भारत के इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और इसके सच्चे नायकों की अनदेखी की बात की।
छत्रपति शिवाजी महाराज का महत्व
पवन कल्याण ने जोर देकर कहा कि स्कूलों में छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग अकबर की प्रशंसा करते हैं और बाबर जैसे आक्रमणकारियों का महिमामंडन करते हैं, लेकिन विजयनगर साम्राज्य के बारे में क्यों नहीं बताया जाता? उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी ने तमिलनाडु के मंदिरों की रक्षा की, लेकिन यह जानकारी पाठ्यक्रम में नहीं है।
इतिहास की किताबों में भेदभाव
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। उन्होंने बताया कि इतिहास की किताबें मुग़ल बादशाहों की महानता का गुणगान करती हैं, लेकिन उनके द्वारा किए गए अत्याचारों और देशी शासकों के प्रतिरोध को नजरअंदाज करती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि स्कूलों में कब तक मुगलों की महानता और भारतीयों के कष्टों के बारे में पढ़ाया जाएगा।
फिल्म का उद्देश्य
पवन कल्याण ने बताया कि उन्होंने यह फिल्म लगभग 4-5 साल पहले शुरू की थी। यह फिल्म उनके लिए खास है क्योंकि यह मुग़ल काल पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बचपन में स्कूल में मुगलों का महिमामंडन किया जाता था, जबकि अन्य राजवंशों को नजरअंदाज किया जाता था। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कुछ मामलों को सुलझाने का भी उल्लेख किया, जिसमें एक लड़की को केरल से बेंगलुरु ले जाया गया था।