पत्ता गोभी जेंडर टेस्ट: क्या सच में पता चलता है बच्चे का लिंग?

पत्ता गोभी जेंडर टेस्ट का परिचय
पत्ता गोभी जेंडर टेस्ट: प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हर दिन नई उम्मीदें और उत्सुकताएं होती हैं। लेकिन हर गर्भवती महिला का पहला सवाल यही होता है कि, “क्या लड़का होगा या लड़की?” आजकल लोग इस सवाल का जवाब जानने के लिए डॉक्टर के पास जाने के बजाय अपनी रसोई में पत्ता गोभी के पास जा रहे हैं।
जी हां, आपने सही सुना, इंटरनेट पर एक अजीब ट्रेंड वायरल हो रहा है - ‘पत्ता गोभी जेंडर टेस्ट’, जो यह दावा करता है कि इस घरेलू उपाय से आप जान सकते हैं कि आपके गर्भ में बेटा है या बेटी।
पत्ता गोभी टेस्ट की प्रक्रिया
क्या है यह “पत्ता गोभी टेस्ट”?
यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस टेस्ट में लाल पत्ता गोभी और गर्भवती महिला के पेशाब का उपयोग किया जाता है।
लाल पत्ता गोभी को काटकर उबालें और उसका पानी अलग कर लें।
इस पानी को ठंडा होने दें।
फिर इसमें महिला के पहले पेशाब की कुछ बूंदें मिलाएं।
अब देखें कि पानी का रंग बदलता है या नहीं।
अगर पानी का रंग गुलाबी या लाल हो जाता है, तो यह माना जाता है कि लड़का होगा।
अगर रंग नीला या बैंगनी रहता है, तो यह संकेत है कि लड़की होगी।
क्या इस टेस्ट में कोई वैज्ञानिक आधार है?
क्या इस टेस्ट में कोई सच्चाई है?
इस टेस्ट को वैज्ञानिक मान्यता नहीं मिली है। असल में लाल पत्ता गोभी में पीएच इंडिकेटर होता है, जो किसी भी अम्लीय पेशाब का रंग बदल सकता है। हर व्यक्ति का यूरिन पीएच अलग होता है, इसलिए यह रंग बदल सकता है। लेकिन इसका जेंडर से कोई संबंध नहीं है।
लोग इसे क्यों कर रहे हैं?
लोग इसे क्यों कर रहे हैं?
लोग इस टेस्ट को मजेदार प्रयोग के रूप में कर रहे हैं। यह किसी वैज्ञानिक परिणाम के लिए नहीं, बल्कि जिज्ञासा और मस्ती के लिए किया जा रहा है। कई कपल इसे जेंडर रिवील में भी इस्तेमाल कर रहे हैं, बस हंसी-मजाक और यादें बनाने के लिए।
यदि आप भी सोच रहे हैं कि पत्ता गोभी से पता चलेगा कि बेटा होगा या बेटी, तो ध्यान रखें कि यह सिर्फ एक मनोरंजन है, न कि चिकित्सा प्रक्रिया। इसका कोई भरोसेमंद आधार नहीं है और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत और लिंग के बारे में सही जानकारी केवल डॉक्टर और अल्ट्रासाउंड से ही मिल सकती है।