पति के बंटवारे का अनोखा फैसला: दोनों पत्नियों के बीच समझौता

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पति के बंटवारे को लेकर दो पत्नियों के बीच समझौता हुआ। नारी उत्थान केंद्र में हुई काउंसलिंग के बाद पति को तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के साथ बिताने का निर्णय लिया गया। जानें इस दिलचस्प मामले की पूरी कहानी और कैसे दोनों पत्नियों ने इस फैसले को स्वीकार किया।
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पति के बंटवारे का अनोखा फैसला: दोनों पत्नियों के बीच समझौता

मुरादाबाद में अनोखा मामला


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में नारी उत्थान केंद्र में एक अनोखा निर्णय लिया गया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। पति के बंटवारे को लेकर दो पत्नियों के बीच विवाद नारी उत्थान केंद्र तक पहुंचा, जहां काउंसलिंग के बाद पति को तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के बीच बांट दिया गया। इस फैसले से दोनों पत्नियां बेहद खुश हैं और समझौते के तहत अपने-अपने घर लौट गईं। समझौते के अनुसार, पति एक हफ्ते में तीन दिन एक पत्नी के साथ और तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ बिताएगा, जबकि एक दिन अपने माता-पिता के साथ रहेगा.


शिकायत का कारण

यह मामला ठाकुरद्वारा क्षेत्र का है, जहां एक पत्नी ने दो महीने पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी। महिला ने बताया कि उसकी शादी ग्रेटर नोएडा के सलीम से हुई थी, लेकिन पति उसे ससुराल नहीं ले जा रहा था और किराए के मकान में रख रहा था। जब पत्नी ने ससुराल जाने की जिद की, तो पति ने उसे वहां ले जाने से मना कर दिया।


कुछ समय बाद पति अचानक गायब हो गया, जिसके बाद पत्नी ने उसकी तलाश में ससुराल पहुंची। वहां उसे पता चला कि उसका पति पहले से ही एक अन्य महिला से शादी कर चुका है और वहीं रह रहा है।


काउंसलिंग और समझौता

पति के पहले विवाह से तीन बच्चे हैं, जिसके बारे में दूसरी पत्नी को जानकारी मिली तो वह आक्रोशित हो गई। उसने मुरादाबाद के एसएसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की काउंसलिंग शुरू की और दोनों पक्षों को नारी उत्थान केंद्र बुलाया।


काउंसलिंग के दौरान पति ने बताया कि उसकी दूसरी पत्नी से शादी परिवार की सहमति से हुई थी। पति ने यह भी कहा कि वह दोनों पत्नियों के साथ रहने के लिए तैयार है और इसके लिए वह जेवर में किराए का कमरा खोज रहा है।


समझौते की शर्तें

दूसरी पत्नी ने कहा कि यदि पति उसे अपने साथ रखने के लिए राजी है, तो वह कोई शिकायत नहीं करेगी, लेकिन दोनों को समान सम्मान मिलना चाहिए। पहली पत्नी ने भी अपनी कुछ शर्तें रखीं। अंततः पति ने दोनों पत्नियों के साथ रहने के लिए सहमति दी, जिसमें वह तीन-तीन दिन दोनों के साथ रहेगा और एक दिन अपने परिवार के साथ बिताएगा।