पतनजली का सफल निःशुल्क कृत्रिम अंग शिविर: 250 से अधिक दिव्यांगों को मिला सहारा

पतनजली योगपीठ में 26 और 27 जुलाई को एक सफल निःशुल्क कृत्रिम अंग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से अधिक दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान किए गए। स्वामी रामदेव और आचार्य बलकृष्ण ने इस शिविर में भाग लिया और लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। शिविर में माप, फिटिंग और फिजियोथेरेपी जैसी सेवाएं भी उपलब्ध थीं। इस सफल आयोजन के बाद, पतंजलि ने भविष्य में ऐसे शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया है।
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कृत्रिम अंग शिविर का आयोजन

26 और 27 जुलाई को पतंजलि योगपीठ में पतंजलि वेलनेस और उद्धार जेफरिज, नागपुर के सहयोग से एक दो दिवसीय निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। इस शिविर का उद्देश्य दिव्यांगजनों के शारीरिक और मानसिक सशक्तिकरण पर केंद्रित था, जिसमें 250 से अधिक जरूरतमंद लोगों को कृत्रिम हाथ, पैर, कैलिपर और क्रच वितरित किए गए।


स्वामी रामदेव और आचार्य बलकृष्ण की उपस्थिति

स्वामी रामदेव और आचार्य बलकृष्ण इस सेवा अभियान में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण अपने हाथों से प्रदान किए। उन्होंने लाभार्थियों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।


स्वामी रामदेव का संदेश

इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा, "ये लोग दिव्यांग नहीं, बल्कि दिव्य आत्माएं हैं। इन्हें सहानुभूति नहीं, बल्कि सशक्तिकरण की आवश्यकता है।" उनका यह संदेश इस कार्यक्रम की मूल भावना को उजागर करता है।


आचार्य बलकृष्ण का दृष्टिकोण

आचार्य बलकृष्ण ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, "पतंजलि का लक्ष्य केवल आयुर्वेद को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना है, जो हमारी असली राष्ट्रीय सेवा है।"


शिविर की सेवाएं

यह शिविर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, उद्धार सेवा समिति, कुशल डॉक्टरों, तकनीशियनों और पतंजलि सेवा विभाग के समर्पित स्वयंसेवकों की मदद से आयोजित किया गया। उपकरण वितरण के साथ-साथ माप, फिटिंग, फिजियोथेरेपी और परामर्श जैसी सेवाएं भी शिविर में उपलब्ध थीं, जिससे लाभार्थियों को पूर्ण समर्थन मिला।


भविष्य की योजनाएं

शिविर की सफलता और जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि ऐसे शिविर हर तीन से चार महीने में नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।


समर्पण और सहयोग का उदाहरण

यह प्रयास केवल दिव्यांगजनों के लिए सहारा नहीं बना, बल्कि प्रेरणा और आत्मविश्वास का स्रोत भी बना। यह कार्यक्रम पतंजलि योगपीठ की मानव सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक है।


स्वयंसेवकों की भूमिका

इस कार्यक्रम में स्वामी Videhdev, स्वामी पुण्य देव, बहन पूजा और उद्धार प्रबंधन टीम की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही। संजय, रुचिका अग्रवाल, श्रुति, प्रद्युम्न, रवि, दिव्यांशु, कृष्णा, निहारिका, दिव्या, और दीनदयाल जैसे कई सेवा-भावना वाले कार्यकर्ताओं ने शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


समाज में सकारात्मक बदलाव

यह सेवा कार्य करुणा, सहयोग और निस्वार्थ सेवा का एक शक्तिशाली उदाहरण है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में अग्रसर है।