पटना में भू-अर्जन अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

पटना में भू-अर्जन अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अधिकारियों ने भू अर्जन प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की। सचिवों ने समय पर परियोजनाओं के निष्पादन और विवादों को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान कई केस स्टडी भी साझा की गईं, जिससे अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारी मिली। जानें इस कार्यक्रम के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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पटना में भू-अर्जन अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

भू-अर्जन अधिकारियों का प्रशिक्षण

पटना के शास्त्रीनगर में राजस्व सर्वे (प्रशिक्षण) संस्थान में भू-अर्जन पदाधिकारी और अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह और गोपाल मीणा ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर भू अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक आजीव वत्सराज, भू अर्जन विशेषज्ञ सुशील कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


 


सचिव जय सिंह ने बताया कि भू अर्जन प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं और देरी को दूर करने के लिए एक ठोस रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि न्यायालय में विवादों को कम करना और भू अर्जन का निष्पादन समय पर करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।


 


सचिव गोपाल मीणा ने पुराने मामलों की केस स्टडी साझा करते हुए कहा कि त्वरित कार्रवाई से परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी, जिससे विकास की गति में वृद्धि होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि देरी से सरकार और रैयत दोनों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे मामलों से अवगत कराया जो लापरवाही के कारण वर्षों से लंबित हैं और उचित कार्रवाई करने की सलाह दी।


 


भू अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने वर्तमान परियोजनाओं पर चर्चा करते हुए अधिकारियों की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि पटना–पूर्णिया, रक्सौल–हल्दिया, गोरखपुर–सिलीगुड़ी और वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस वे का 1626.37 किलोमीटर हिस्सा बिहार में है, जिसके लिए 1,18,849.40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिससे राज्य का विकास तेजी से होगा।


 


सहायक निदेशक आजीव वत्सराज ने एनएच एक्ट 1956 और रेलवे एक्ट 1989 की बारीकियों से अधिकारियों को अवगत कराया और सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भू अर्जन की प्रक्रिया को कम समय में पूरा करने का सफल उदाहरण प्रस्तुत किया। भू अर्जन विशेषज्ञ सुशील कुमार ने समय पर भू अर्जन के लाभों के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भू अर्जन निदेशालय के सहायक भू अर्जन पदाधिकारी कमल नयन कश्यप, रवि सिन्हा, पंकज कुमार झा और शिव जी समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।