पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नशे में गाड़ी चलाने को गंभीर खतरा बताया

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नशे में गाड़ी चलाने को गंभीर खतरा बताते हुए सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में नरमी से गलत संकेत मिलता है, जिससे अन्य लोग भी ऐसे खतरनाक व्यवहार में लिप्त हो सकते हैं। ट्रक चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है, जिसमें एक एमबीबीएस छात्र की मौत का मामला शामिल है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के विचार।
 | 
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नशे में गाड़ी चलाने को गंभीर खतरा बताया

नशे में गाड़ी चलाने पर सख्त टिप्पणी

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नशे में वाहन चलाने को एक गंभीर खतरा मानते हुए कहा है कि इस तरह के मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी गलत संदेश देगी और अन्य लोगों को भी ऐसे खतरनाक व्यवहार में लिप्त होने के लिए प्रेरित करेगी।


न्यायमूर्ति सुमित गोयल की अदालत ने संगरूर-पटियाला मार्ग पर खड़ी एक कार को टक्कर मारने वाले ट्रक चालक की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। इस दुर्घटना में 24 वर्षीय एमबीबीएस छात्र की जान चली गई थी।


ट्रक चालक जगतार सिंह के खिलाफ नवंबर 2023 में पटियाला के पस्याना पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।


अदालत ने 25 सितंबर के अपने आदेश में कहा, 'शराब के प्रभाव में गाड़ी चलाने को केवल एक गलती या शरारत के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है और सामाजिक व्यवस्था को कमजोर करता है।'


उन्होंने आगे कहा, 'जो व्यक्ति शराब के नशे में गाड़ी चलाने का निर्णय लेता है, वह न केवल अपनी जान को जोखिम में डालता है, बल्कि सड़क पर चलने वाले निर्दोष नागरिकों की जान को भी खतरे में डालता है।'


अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है, क्योंकि किसी भी प्रकार की ढील गलत संकेत देगी और दूसरों को भी इसी तरह के खतरनाक आचरण में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी। इसलिए, याचिकाकर्ता नियमित जमानत का हकदार नहीं है।