पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश: हरियाणा वक्फ बोर्ड का गठन जल्द करें

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने सरकार को तीन महीने में नए नोटिफिकेशन जारी करने का निर्देश दिया है। यह मामला 2020 से लंबित था, और वकील मोहम्मद अरशद ने अधिसूचना को चुनौती दी थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के आदेश के पीछे की वजहें।
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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश: हरियाणा वक्फ बोर्ड का गठन जल्द करें

हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन पर सुनवाई

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश: हरियाणा वक्फ बोर्ड का गठन जल्द करें

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आज, 12 नवंबर को हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन पर सुनवाई की। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर नए नोटिफिकेशन जारी करे। इसके साथ ही, नए वक्फ बोर्ड का गठन भी किया जाएगा, जो कि वक्फ बोर्ड एक्ट 2025 के तहत होगा। यह बोर्ड का गठन 2020 से लंबित है।

गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 12 मार्च 2020 को हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही एक अन्य याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें बिना चेयरमैन की नियुक्ति के सदस्यों की बैठक को चुनौती दी गई थी।

वकील मोहम्मद अरशद की याचिका

वक्फ बोर्ड के गठन के लिए 6 सितंबर 2024 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को जवाब देने का आदेश दिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आचार संहिता लागू होने के बाद वक्फ बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी करने में इतनी जल्दी क्यों दिखाई गई। वकील मोहम्मद अरशद ने याचिका में बताया कि सरकार ने अवैध तरीके से दूसरी बार बोर्ड का गठन किया है।

अधिसूचना रद्द करने की मांग

याचिका में अधिसूचना को रद्द करने के लिए 5 बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। सरकार ने किसी भी श्रेणी और सदस्य की जानकारी नहीं दी, जो हरियाणा वक्फ अधिनियम का उल्लंघन है। किसी भी बोर्ड के गठन में नामित और निर्वाचित सदस्यों की संख्या का अनुपात सही होना चाहिए। धारा 14 के अनुसार, निर्वाचित सदस्यों की संख्या हमेशा नामित सदस्यों से अधिक होनी चाहिए, लेकिन इस अधिसूचना में ऐसा नहीं है।

अधिसूचना में श्रेणी नंबर दो के अल्ताफ हुसैन को मुस्लिम वरिष्ठ वकील के रूप में रखा गया है, लेकिन वह संबंधित बार काउंसिल में पंजीकृत नहीं हैं। मुस्लिम वरिष्ठ वकील की श्रेणी में केवल चुनाव के माध्यम से चयन किया जा सकता है। बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा ने 7 वकीलों के नाम सरकार को भेजे थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। विधायक श्रेणी में भी कोई चुनाव नहीं कराया गया, जो वक्फ अधिनियम का उल्लंघन है। इसके अलावा, याचिका में यह भी बताया गया कि आचार संहिता का उल्लंघन कर अधिसूचना जारी की गई है.