पंजाब-हरियाणा सीमा पर राजमार्ग बंद, किसान यूनियनों का विरोध प्रदर्शन

पंजाब पुलिस ने राजपुरा-अंबाला-दिल्ली राजमार्ग को शुक्रवार को बंद कर दिया है, जो कौमी इंसाफ मोर्चा और अन्य किसान संगठनों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के कारण है। प्रदर्शनकारी बंदी सिंहों की रिहाई और सरकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य कृषि समुदाय के कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को उजागर करना है। यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस ने सभी डायवर्जन मार्गों पर तैनाती की है।
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पंजाब-हरियाणा सीमा पर राजमार्ग बंद, किसान यूनियनों का विरोध प्रदर्शन

राजमार्ग पर यातायात बंद

पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक राजपुरा-अंबाला-दिल्ली राजमार्ग को यातायात के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। यह मार्ग, जो जीटी रोड का हिस्सा है और पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है, कौमी इंसाफ मोर्चा और अन्य किसान संगठनों द्वारा शंभू बैरियर की ओर बढ़ रहे विरोध मार्च के कारण बंद किया गया है। यह वही स्थान है जहां किसान यूनियनों ने फरवरी 2024 से मार्च 2025 तक एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।


प्रदर्शन के कारण यातायात में बाधा

प्रदर्शनकारी बंदी सिंहों की रिहाई की मांग कर रहे हैं और किसानों को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों, जैसे बिजली संशोधन विधेयक 2025 और बकाया गन्ना मूल्य के खिलाफ मार्च निकाल रहे हैं। राजपुरा शहर और राजपुरा-ज़ीरकपुर मार्ग पर भारी जाम की संभावना है। यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस कर्मियों को सभी डायवर्जन मार्गों पर तैनात किया जाएगा। यात्रियों से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की गई है।


यह विरोध प्रदर्शन पंजाब में चल रहे कृषि और श्रमिक संघों के आंदोलनों का हिस्सा है, जो कृषि समुदाय और क्षेत्रीय शासन से जुड़े कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को उठाता है।


संयुक्त विरोध प्रदर्शन की योजना

किसान मजदूर मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) ने बकाया राशि और नीतिगत बदलावों की मांग को लेकर संयुक्त विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के प्रमुख जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की घोषणा की है।